केजरीवाल को नहीं मिली रिहाई, सिंघवी ने की धुआँधार बहस | Kejriwal refused release

नमस्कार मैं रवीश कुमार दिल्ली हाई कोर्ट में आज अरविंद केजरीवाल को जमानत नहीं मिली लेकिन उनकी जमानत याचिका पर बहस के दौरान वकील अभिषेक मनुष सिंघवी ने जिस तरह से दलीलें रखी हैं आज उन्हें हार में भी जीत का नायक बना देती है उन दलीलों के बीच आप ईडी को मिले असीमित अधिकारों और उसके जरिए किए जाने वाले अतिक्रमण को साफ-साफ देख सकते हैं हम आज के वीडियो में सिंघवी की दलीलों और कोर्ट के जवाब पर विस्तार से बात करेंगे लेकिन आप इस वीडियो को पूरा देखिएगा हाई कोर्ट ने ईडी को केजरीवाल की याचिका पर जवाब देने के लिए 2 अप्रैल तक का समय दे दिया है इस पर सुनवाई अब 3 अप्रैल को होगी सिंघवी चाहते थे ईडी की हिरासत से रिहाई की याचिका पर आज ही सुनवाई हो और फैसला हो ईडी को जवाब देने की जरूरत नहीं मगर अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है

 

 

अरविंद केजरीवाल को ED की हिरासत से रिहाई नहीं मिली। आज दिल्ली हाई कोर्ट में उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई तर्क रखकर साबित करने की कोशिश की कि केजरीवाल की गिरफ़्तारी अवैध है और उनकी याचिका पर ED को जवाब देने का समय नहीं मिलना चाहिए। उनकी माँग थी कि आज ही सुनवाई हो और आज ही रिहाई मिले। लेकिन कोर्ट ने ED को जवाब देने के लिए 2 अप्रेल तक का समय दे दिया है और ऐसा कर के केजरीवाल की हिरासत भी बढ़ा दी है। आज सिंघवी की बहस केजरीवाल और आबकारी नीति के इर्द गिर्द ही थी, मगर अपनी दलीलों में उन्होंने पिछले दस सालों में इस एजेन्सी के दुरुपयोग का सारा हिसाब सबके सामने रख दिया। फ़ैसला उनके पक्ष में नहीं आया लेकिन आज की बहस में असल जीत सिंघवी की ही थी।

आज केजरीवाल को राहत नहीं मिली इतनी तेजी से घटनाक्रम बदले जा रहे हैं कि 10 साल के हिसाब को छोड़कर सब इधर-उधर देखने लग जा रहे हैं जैसे तेज आंधी चल रही हो कहीं टिन के छत उड़ रहे हैं तो कहीं पेड़ उखड़ रहे हैं सिंघवी की दलीलों पर आने से पहले कुछ तस्वीरों को फटाफट देख लेते हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आज क्या-क्या हुआ आम आदमी पार्टी ने सड़कों को धाक दिया है कोरोना के समय प्रधानमंत्री मोदी ने थाली बजाने का आह्वान किया था लेकिन इसी थाली को सौरभ भारद्वाज ने जनता को बताने के रूपक में बदल दिया कि दिल्ली का मुख्यमंत्री गिरफ्तार है उसे रिहा किया जाए जनता को जागना होगा आम आदमी पार्टी से जुड़े वकीलों ने आज दिल्ली की अदालतों में प्रदर्शन किया और केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में नारे लगाए आज दिल्ली विधानसभा का सत्र बुलाया गया आम आदमी पार्टी के विधायक पीले रंग की टीशर्ट पहनकर विधानसभा पहुंच गए विधानसभा परिसर में मार्च किया और सदन के भीतर भी पीलेरंग के लिबास में स्पीकर के आसन के पास केजरीवाल की रिहाई के नारे लगाए गए

 

 

यह आम आदमी पार्टी के गोवा प्रभारी दीपक सिंगला की मिठाई की दुकान है ऐसी जगहों पर छापे मारने वाला कितनी अफसोस से निकल चलता होगा मिठाई की दुकान में गया और एक पीस रसगुल्ला भी नहीं खा सका सबको पता है कि दुकान में सीसीटीवी होता है हल्ला मत जाएगा कि छापे मारने वाली टीम रसगुल्ला चाप रही थी कायदे से ईडी की टीम उन कंपनियों के यहां जानी चाहिए जिन्होंने उसी के छापे के बाद बीजेपी को 100 10000 करोड़ रुपए के चंदे दिए शराब घोटाले में ही अरबिंदो फार्मा के निर्देशक शरद चंद्र रेड्डी सरकारी गवाह बनते हैं और अरविंदो फार्मा बीजेपी को 50 करोड़ का चंदा देती है वहां कोई छापे मार नहीं है मगर मिठाई की दुकान पर धावा बोल दिया गया है इन छापों से लग रहा है अब आम आदमी पार्टी की आर्थिक शक्तियों पर भी प्रहार किया जा रहा हैराजनीतिक दलों को ऐसे ही लोगों से चंदा मिलता है

 

 

दो दिन पहले आम आदमी पार्टी के विधायक गुलाब सिंह यादव के घर पर भी छापा पड़ा था और आज आम आदमी पार्टी से उम्मीदवार रहे दीपक सिंगला के घर और दुकान पर ईडी की टीम पहुंच गई दीपक सिंघला विधानसभा चुनाव हार गए थे इस समय आम आदमी पार्टी के गोवा के प्रभारी हैं और एमसीडी के सह प्रभारी इस बीच ईडी ने तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार और पूर्व सांसद मोहुआ मोइत्रा को भी हाजिर होने के लिए कहा है उनके सहयोगी सहान मुखर्जी से पूछताछ चल रही है और अब मोहुआ को 28 मार्च को हाजिर होना है सिंगापुर की कंपनियों के 800 करोड़ रए के कथित विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामले में जांच चल रही है उसके संबंध में मोहुआ मोइत्रा को बुलाया गया है लग रहा है चुनाव के नतीजे इस बार ईसी नहीं ईडी के दफ्तर से घोषित होने वाले हैं

 

 

ऐसा क्या है कि सबसे अधिक चंदा लेने वाली पार्टी से जुड़े किसी के खिलाफ ईडी सक्रिय नहीं है और विपक्ष के नेता धड़ाधड़ दबोचे जा रहे हैं ताकि वे चुनावी मैदान में उड़ ही ना सकें ईडी की हरकत या करतूत को समझना है तो दिल्ली हाई कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी की दी गई दलीलों को पूरा पढ़ना होगा सुनना होगा हम काफी विस्तार से इसके बारे में बता रहे हैं इसलिए गुजारिश है इस वीडियो को दो बार देखिए पूरा देखिए केजरीवाल के वकील अभी अभिषेक मनु सिंघवी पूरी तैयारी के साथ आए जमानत याचिका पर बहस के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी के वकील को पानी पिला दिया ईडी के वकील के अजीब अजीब तर्कों को ध्वस्त कर दिया मगर वे केजरीवाल के लिए जमानत हासिल नहीं कर पाए उनकी मुराद बस इतनी पूरी हुई कि सुनवाई हो गई अपनी बात कह पाए मगर केजरीवाल को जमानत नहीं दिला सके अब केजरीवाल की याचिका उसी सुप्रीम कोर्ट के सामने होगी जहां से याचिका वापस ले ली गई थी

 

 

केजरीवाल की याचिका इस तरह से तैयार की गई थी कि ईडी को कहना पड़ा कि उसे जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का समय चाहिए सोचिए इस केस की 2 साल से जांच चल रही है फिर भी सिंघवी ने याचिका में ऐसा क्या लिख दिया होगा कि ईडी को 3 हफ्ते का समय चाहिए था क्या इसलिए कि केजरीवाल को जेल में रखना है किसी तरह ज्यादा से ज्यादा समय तक ताकि चुनाव बीत जाए 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार किए गए 22 मार्च को रिमांड पर भेजा गया आज 27 मार्च है आखिर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ऐसा क्या लिख दिया याचिका में कि इस पर जवाब देने के लिए ईडी को ती हफ्ते का समय चाहिए दिल्ली हाई कोर्ट में आज केजरीवाल की जमानत याचिका पर बहस हो रही थी हाई कोर्ट में ईडी के वकील एस वी राजू ने कहा हमें याचिका की कॉपी कल ही मिली है उन्होंने कहा कि केजरीवाल की ओर से दाखिल की गई मुख्य याचिका पर जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का समय चाहिए और अंतरिम एप्लीकेशन पर जवाब देने के लिए भी उचित समय दिया जाना चाहिए

 

 

वकील अभिषेक मन सिंघवी ने कहा यह एक बेहद अजीब और मोटिवेटेड पॉइंट है यह व्यक्ति जेल में है 23 मार्च को याचिका फाइल हुई थी कल रात उसकी खामियों को ठीक किया गया और आपको कॉपी दे दी गई जवाब देने का कोई मतलब नहीं इस पर ईडी के वकील राजू ने कहा कि आप कैसे तय कर सकते हैं कि जवाब देने की जरूरत नहीं जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि मैं इस मामले में नोटिस जारी करूंगी मुझे इस मामले में जवाब चाहिए अंतरिम राहत पर मैं जल्दी डेट दूंगी इस पर सिंघवी ने कहा कि मैं ने 28 मार्च को खत्म होने वाली रिमांड को चुनौती दी है हमारी मांग है कि रिमांड के आधार पर फैसला दें इसमें किसी के जवाब की फाइल की जरूरत नहीं है यह मामले को लटकाने वाली बात है

 

 

मैं मांग कर रहा हूं कि आप आज फैसला करें एक ऐसा मामला जो रिमांड के आधार को चुनौती देता है उसे आज ही सुना जाए इसके पीछे कई बड़े कारण हैं सिंगवी ने कहा कि सुनवाई करनी है या नहीं यह आपका अधिकार है इस पर किसी को जवाब फाइल करने का सवाल नहीं उठता इस पर त्वरित फैसला देने की जरूरत है अभिषेक मनु सिंघवी आज पूरी तैयारी के साथ अपना पक्ष रख रहे थे उनकी बात भारी पड़ती लग रही थी जस्टिस शर्मा ने फैसला सुना दिया कि पूरक सूची पर सुनवाई पूरी कर लेने के बाद आज ही इस पर सुनवाई होगी आखिरकार सुनवाई हुई और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का मामला संविधान के बुनियादी ढांचे पर प्रहार है

 

 

हाई कोर्ट में केजरीवाल की लीगल टीम की ओर से कहा गया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी और उनकी रिमांड गैर कानूनी है इसलिए केजरीवाल को फौरन रिहा किया जाना चाहिए सिंगवी ने कहा कि कोर्ट को ईडी की इस गैरकानूनी और असंवैधानिक कार्रवाई को निरस्त कर देना चाहिए ईडी ने जिस तरह से केजरीवाल को गिरफ्तार किया है उसमें बदले की भावना दिखाई देती है यह कार्रवाई केजरीवाल के राजनीतिक उत्पीड़न और प्रताड़ना के लिए की गई है अपनी याचिका में सिंगवी ने दलील दी है कि पीएमएलए के सेक्शन 19 के तहत जो अधिकार मिला है उसका ईडी ने उल्लंघन किया है ईडी ने केजरीवाल के मौलिक अधिकारों और मानवाधिकारों का बिना रोक टोक उल्लंघन किया है सिंगवी की याचिका की कानूनी भाषा कमाल की होती है उसका त्वरित अनुवाद जरा मुश्किल है लेकिन उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को मौलिक अधिकार और मानवाधिकार के उल्लंघन से जोड़ दिया हमने इसके बाद देखा कि पीएमएलए के सेक्शन 19 में क्या लिखा है जिसके नहीं मानने की बाद सिंघवी कोर्ट के सामने कर रहे थे

 

 

सेक्शन 19. 1 में लिखा है कि अगर केंद्र की सरकार की तरफ से निदेशक उप निदेशक सहायक निदेशक या किसी भी अधिकृत अवसर के अधीन कोई सामग्री है और उसके पास मानने का कारण है तो उन कारणों को अनिवार्य रूप से लिखित रूप में दर्ज करना होगा और इस एक्ट के तहत अगर अफसर को कोई भी व्यक्ति दोषी नजर आता है तो वह उसे गिरफ्तार कर सकता है और जितनी जल्दी हो सके उसे बता देगा कि किस आधार पर गिरफ्तारी हुई है कई कानून विदों के मुताबिक सेक्शन 19 की भाषा अस्पष्ट है मगर ईडी के मामले में जितनी भी सुरक्षा आरोपी को हासिल है किसी आरोपी को इसी धारा से वह मिलती है सेक्शन 19 को पढ़कर यही लगता है कि गिरफ्तारी का कारण अनिवार्य रूप से लिखित रूप में दर्ज तो होगा मगर लिखित रूप में आरोपी को नहीं दिया जाएगा यह सवाल आपको पूछना चाहिए कि जब गिरफ्तारी का कारण दर्ज किया जाना अनिवार्य है तो उसे आरोपी को क्यों नहीं दिया जाना चाहिए और अनिवार्य क्यों नहीं होना चाहिए सब कुछ अवसर की मर्जी पर छोड़ दिया गया है इसलिए कई बड़े-बड़े वकील ईडी को खतरनाक मानते हैं ड्रैकोनियन कहते हैं ड्रैकोनियन शक प्राचीन ग्रीस में एथन शहर के एक कानून निर्माता के नाम से आता है ड्रैक को छोटे-छोटे अपराध के लिए बड़ी सजा देने के लिए जाना जाता था

 

 

मौत की सजा देने में ड्रैको खास तौर पर आगे रहता था कहते हैं पत्ता गोभी चुराने पर भी मौत की सजा मुकर्रर कर दी गई थी वैसे ड्रैको शब्द का मतलब ड्रैगन होता है मुझे तो ड्रैको सुनते ही ड्रैकुला की याद आ जाती है ईडी का भय अब भूत बन चुका है इसके डर से लोग थरथर कांप रहे हैं कांग्रेस के खासकर तुरंत भागकर बीजेपी में चले जाते हैं ऐसा लगता है कि उनके पीछे ईडी नहीं ड्रैकुला आ गया है जब ड्रैकोनियन बता दिया तो थोड़ा ड्रैकुला का भी बता देते हैं ड्रैकुला दीवारों पर रेंगने वाला एक पिशाच है और जिसे भी काटता है व भी ड्रैकुला बन जाता है आप भी खून के प्यासे वैंपायर बन जाते हैं और ड्रैकुला की हर गतिविधि को सही बताने लग जाते हैं जैसे ंकल एक तरह के ड्रैक यह जिसे भी काटते हैं वह इन्हीं के जैसा हो जाता है समय आ गया है कि whatsapp हमने छोटा सा एक ब्रेक ले लिया लेकिन अब आपका ध्यान फिर से चाहता हूं और गुजारिश है कि इस वीडियो को पूरा देखिएगा हिंदी के अखबार वैसे ही इस पूरे मामले पर गोबर लीप देते हैं कुछ पता ही नहीं चलेगा कि क्या कहा गया और क्या नहीं कहा गया आप अभिशप्त हैं हिंदी के दर्शक होकर भी हिंदी के रद्दी रद्दी अखबारों को खरीदने और पढ़ने के लिए तो हम सेक्शन 19 की बात कर रहे थे

 

 

आप ही सोचिए ईडी के अफसर के पास अगर यह मानने का पर्याप्त कारण है कि अमुक व्यक्ति अपराध में शामिल है तो वह गिरफ्तार किया जा सकता है जब वह मौखिक रूप से बता सकता है कि क्यों गिरफ्तार हो सकता है तो लिखित रूप से क्यों नहीं बता सकता इस तरह की छूट भारत जैसे देश की एजेंसी को कैसे दी जा सकती है जहां फर्जी मामलों में फंसाने को कोई भी बुरा नहीं मानता और फंसाने के बाद लोरी सुनाता है कि जेल जाइए कानून में विश्वास जताए और फैसले का इंतजार कीजिए फर्जी मामले में फंसाने वाले अफसरों को कोई सजा भी होती है जो भी है भले ही नाम मात्र ही समझिए लेकिन ईडी को जितनी शक्तियां मिली हुई हैं उनमें आरोपी के पास जो भी बचाव है वो इसी सेक्शन 19 से मिलता है गिरफ्तारी के कारणों को दर्ज करना होता है अदालत उसकी मांग कर सकती है कि किस आधार पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है मगर आरोपी को नहीं दिया जाएगा पुलिस किसी को एफआईआर के बिना गिरफ्तार नहीं करेगी पुलिस के सामने कोई बयान देता है अदालत उसे सबूत नहीं मानेगी लेकिन ईडी के सामने किसी का दिया हुआ बयान गिरफ्तारी का आधार बन जाता है और इसे ट्रायल के समय सबूत मान लिया जाता है क्योंकि समझा जाता है कि ईडी तो पुलिस नहीं है मगर जिसका इस तरह से इस्तेमाल हो रहा है या अतिक्रमण दिखाई देता है जैसे आरोप लगते हैं उससे यही लगता है कि ईडी का भय पुलिस के भय से भी कई गुना ज्यादा हो गया है

 

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तारी केवल शक के आधार पर नहीं की जाती है गिरफ्तारी का कारण बहुत पुख्ता होने चाहिए क्योंकि जमानत मुश्किल से मिलती है गिरफ्तारी तभी हो सकती है जब ईडी के पास ऐसे साक्ष हो जिन्हें देखकर यही लगे कि जिसकी गिरफ्तारी हो रही है वह आरोपी है और उसमें दम है जैसा कि आप जानते हैं पीएमएलए के तहत ईसीआईआर यानी एफआईआर की कॉपी या कंप्लेंट की कॉपी देना अनिवार्य नहीं है बहुत से कानून विशेषज्ञों ने इसे लेकर आलोचना की है इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और इस पर अदालत के फैसले का इंतजार हो रहा है इस समय जो कानून है उसके अनुसार ईडी को गिरफ्तारी के वक्त एफआईआर की तरह ईसीआईआर डिटेल के रूप में देने की कोई जरूरत नहीं सिर्फ गिरफ्तारी का आधार बताया जा सकता है केजरीवाल की गिरफ्तारी को गैर कानूनी साबित करने के लिए सिंघवी दलील देते हैं कि मौजूदा मामला पीएमएलए के सेक्शन तीन के तहत दर्ज है लेकिन इस केस में ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं जो दिखा सके कि कानून में दर्ज किसी भी गतिविधि में याचिकाकर्ता यानी अरविंद केजरीवाल शामिल थे

 

 

सेक्शन तीन के तहत ईडी को दिखाना होगा कि याचिकाकर्ता यानी केजरीवाल का संबंध प्रोसीड्स ऑफ क्राइम से जुड़ा है यानी उसे किसी तरह से पैसा मिला है उसने इसे छिपाने का काम किया है या इस्तेमाल किया है या किसी तरह से रिश्वत के पैसे को वैद बनाने का काम किया है ईडी को यह बताना होगा कि सिंगवी ने कहा कि ईडी के पास ऐसे कोई साक्ष्य नहीं है जो यह साबित करते हो कि याचिकाकर्ता ने सेक्शन तीन के तहत अपराध किया है यह आरोप भी नहीं है कि याचिकाकर्ता को कथित अपराध की कोई जानकारी थी सिंगवी ने याचिका में लिखा है कि गिरफ्तारी के समय ईडी यह साबित नहीं कर पाई है कि केजरीवाल सेक्शन तीन के तहत आने वाली गतिविधियों में आरोपी हैं आम गिरफ्तारी से अलग पीएमएलए के सेक्शन 19 के तहत अधिकारियों के ऊपर बहुत बड़ जिम्मेदारी होती है सिंगवी ने लिखा है कि ईडी के अधिकारियों ने सेक्शन 19 का उल्लंघन किया है और ऐसी गिरफ्तारी कानून के समक्ष गैर कानूनी है आपको दिखाना होगा कि गिरफ्तारी क्यों जरूरी है

 

 

सिंगवी ने लेवल प्लेइंग फील्ड समतल जमीन और संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार की बात कोर्ट के सामने रखी यही बात उन्होंने चुनाव आयोग के सामने रखी थी हम उनके पुराने बयान का वह हिस्सा आपको सुनाना चाहते हैं अगर कोई भी संवैधानिक संशोधन
मूल ढांचे के विरुद्ध है तो संवैधानिक संशोधन भी असंवैधानिक करार किया जा सकता है अब इसको हमने कैसे पक्ष रखा जब आप इस प्रकार की चुनाव के लिए जो एक समतल जमीन आवश्यक है अति आवश्यक है अनिवार्य है समतल जमीन उस समतल जमीन को आप बदल देते हैं उसको समतल नहीं रहने देते हैं दुरुपयोग करके एजेंसी द्वारा तो उसका सीधा दुष्प्रभाव सीधा दुष्प्रभाव पड़ता है स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव पर फ्री एंड फेयर इलेक्शन उसका सीधा दुष्प्रभाव आगे पड़ता है गणतंत्र लोकतंत्र पर डेमोक्रेसी और स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव या लोकतंत्र गणतंत्र दोनों उच्चतम न्यायालय ने केशवानंद भारती के समय से कहा है बार-बार कहा है मूल ढांचे के एक अभिन्न अंग है तो जब आप समतल जमीन को बदल देते हैं नॉन समतल बना देते हैं दुरुपयोग करके एजेंसीज का तो आप सीधा उस मूल ढांचे पर प्रहार कर रहे हैं

 

 

असंवैधानिक गैर कानूनी प्रहार यह एक मूल मुद्दा है और इसके लिए सबसे बड़ा पुलिसमैन इस समतल जमीन का संविधान ने बनाया है चुनाव आयोग को बनाया है सिर्फ कोई स्टैचूट कठित संस्था नहीं है यह संवैधानिक संस्था है तो हमने उनको उनके उत्तरदायित्व की याद दिलाई और कहा कि आप बेजीक होकर इस मामले में हस्तक्षेप करें सुनवाई शुरू होने के बाद सिंघवी ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री गिरफ्तार हो सकता है मगर सवाल टाइमिंग का है सेक्शन 50 के तहत बयान नहीं लिया गया है बिना बयान गिरफ्तारी हुई है उन्होंने जज से कहा कि आपने बताया है कि स्टेटमेंट इंक्वायरी के नेचर की है छानबीन के दौरान मिली जानकारी और उस पर प्रयुक्त विवेक के आधार पर गिरफ्तारी हुई है यह मूल ढांचे पर आक्रमण है आपका उद्देश्य है मुझे और मेरी पार्टी यानी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को अस्थिर करना सिंगवी की दलीलों में उनकी वकालत का अनुभव आज बढ़ चढ़कर बोल रहा था वे आज ही केजरीवाल की रिहाई पर अड़ गए थे कोर्ट की दलील यही रही कि ईडी को भी अपनी बात रखने और सुनने का मौका मिलना चाहिए

 

 

सिंगवी ने कहा बिल्कुल मिलना चाहिए लेकिन हमारी याचिका पर जवाब फाइल करने की कोई जरूरत नहीं है हम रिमांड पर बहस कर रहे हैं स्वतंत्रता के मा मामले में एक दिन की जेल भी बहुत लंबी हो जाती है या तो आप स्वीकार करें या खारिज कर दें ईडी के वकील को अलग से जवाब देने की कोई जरूरत नहीं हमारी रिहाई की अपील सुनी जानी चाहिए कोर्ट ने सुनने की अनुमति दे दी सिंघवी ने यहां तक ईडी के तमाम तर्कों को पीछे छोड़ते हुए अपनी बात रखने का मौका कोर्ट से हासिल कर लिया और सिंह भी बहस करते चले गए उनकी दलीलों का आधार यही था कि गिरफ्तारी गैर कानूनी है और केजरीवाल को रिमांड खत्म होने से पहले आज ही किया जाना चाहिए 28 मार्च को केजरीवाल की रिमांड खत्म हो रही है सिंघवी कहते रहे कि पीएमएलए में मुख्य बात होती है प्रोसीड्स ऑफ क्राइम की मतलब यही हुआ कि क्या केजरीवाल ने पैसे लिए हैं या किसी तरह से इस्तेमाल कर उसे सफेद किया है इसमें दूसरे अपराधों के लिए आप गिरफ्तार नहीं कर सकते काले धन को सफेद करना ही अपराध माना जाता है यह फर्क समझना होगा जो आम अपराध है वह पीएमएलए के तहत तभी आएगा जब उससे हासिल पैसा किसी और बिजनेस में लगा लगाकर काले से सफेद किया गया हो इस केस में गिरफ्तारीके बाद जमानत मुश्किल हो जाती है इसलिए कुछ तो तय करना होगा कि क्यों गिरफ्तार किया गया है

 

 

आपके पास गिरफ्तार करने की शक्ति है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी को भी गिरफ्तार कर लें या गिरफ्तारी जरूरी ही है अभिषेक मनु सिंघवी पूछते रहे कि ऐसा क्या है जो बिना गिरफ्तारी के नहीं हो सकता था जब केस अगस्त 2022 में शुरू हुआ और पहला समन अक्टूबर 2023 में दिया गया तो मुझे गिरफ्तार करने की क्या जरूरत है आप सेक्शन 19 की सीमाओं का पालन कैसे कर रहे हैं सिंगवी ने कहा कि मिस्टर ईडी अगर आप फरवरी 2024 में केजरीवाल की भूमिका की जांच करना चाहते हैं तो आपको गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं है वह भी उस भूमिका के बारे में जिसका आपको पता नहीं है जिसके बारे में आप खुद पुष्टि नहीं कर पा रहे चुनाव के ठीक पहले आप केजरीवाल को गिरफ्तार कर रहे हैं ऐसा क्या है जो केजरीवाल की गिरफ्तारी के बिना आप नहीं कर सकते थे क्या आपने कोर्ट को कभी बताया है कि केजरीवाल ने आपको कोई जवाब नहीं दिया किस बात पर आपको गिरफ्तार करना है कुछ नहीं है आप एक दिन अचानक यह नहीं कह सकते कि मैं गिरफ्तार करना चाहता हूं कि मेरे पास गिरफ्तार करने की शक्ति है मेरी इच्छा है और इसलिए मैं गिरफ्तार कर रहा हूं सिंगवी ने कहा कि जब से ईडी एक्टिव हुई है

 

तब से एक शब्द जिसका सबसे ज्यादा दुरुपयोग हुआ है वह है असहयोग उन्होंने तर्क किया कि क्या यह कहा जा सकता है कि डॉक्टर सिंघवी आप कबूल नहीं कर रहे हैं या खुलासा नहीं कर रहे हैं इसलिए आप सहयोग नहीं कर रहे हैं और हम आपको गिरफ्तार कर लेंगे ऐसा करना आर्टिकल 20 और 21 पर सीधा हमला है उन्होंने कहा कि हिरासत में की गई पूछताछ असहयोग पर ही आधारित होती है सिंगवी ने बहस के दौरान ईडी के मामलों में अदालतों की उदासीनता पर भी टिप्पणी कर डाली उन्होंने कह दिया कि मुझे खुशी है कि कम से कम एक या दो कोर्ट तो ऐसे हैं जिन्होंने इस कार्य पद्धति पर कहा है आमतौर पर कोर्ट ईडी नाम की होली काऊ को छूना भी नहीं चाहते हैं सिंगवी ने कहा कि आप नॉन ट्रायल प्रारंभिक स्टेज पर हैं सब कुछ मान ले तो भी आपको गिरफ्तारी की जरूरत दिखानी होगी अगर गिरफ्तारी के बिना मकसद पूरा हो जाता है तो आप गिरफ्तारी नहीं करें यह मुख्यमंत्री के मामले में 10000 बार जरूरी है सिंघवी ने कहा कि आप कह रहे हैं कि मैं सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता हूं इस तर्क से तो यह भी हो सकता है कि मैंने पहले ही छेड़छाड़ कर दी हो सिंगवी ने उन बयानों की भी धज्जियां उड़ा दी जिसके आधार पर गिरफ्तारियां की जाती हैं

 

 

उन्होंने कहा कि किसी के बयान पर आप गिरफ्तारी नहीं कर सकते पहले चरण में केजरीवाल के खिलाफ कुछ भी नहीं मिलता है कुछ अन्य लोगों के बयान लेने के बाद आप चरण तीन पर पहुंचते हैं जो है किसी एबीसी को गिरफ्तार करना उसके बाद उस पर दबाव बनाया जाता है उससे बेल के लिए याचिका डलवाई जाती है पांचवें चरण में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल कहते हैं बेल का विरोध करने का कोई कारण नहीं है फिर आदमी को बेल मिल जाती है छठे चरण में वह बाहर आकर केजरीवाल के खिलाफ बयान दे देता है और उसके बाद उसे माफी मिल जाती है सिंगवी ने कहा आपकारी मामले में हर राजनीतिक गिरफ्तारी में यही हुआ है यह बहुत चिंता की बात है इट इज ग्लोइंग टू स्मिथस द कांस्टीट्यूशनल सेफगार्ड्स हिंदी में ऐसे कहेंगे कि जो भी संवैधानिक सुरक्षा मिली है उसकी चिंदी चिंदी हवा में उड़ गई है सिंगवी की इन दलीलों से दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तारी सरकारी गवाह और उनके बयानों का हाल नजर आ जाता है आखिर कोई तो सोचेगा कि जो व्यक्ति सरकारी गवाह बना है जिसे इसी केस में जमानत मिली है जिसमें मनीष सिसोदिया को 1 साल से जमानत नहीं मिल पा रही वह आदमी जमानत पर बाहर आता है उसकी कंपनी बीजेपी को 50 करोड़ रए का चंदा देती है

 

 

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