बॉन्ड पर राहुल आक्रामक, सन्नाटे में भाजपा | BJP silent on Electoral Bonds

दुनिया का सबसे बड़ा नेशनल लेवल का एक्शन कंपनियों से हफ्ता लेने का तरीका है कंपनियों से कांट्रैक्ट का शेर लेने का तरीका है दुनिया में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का स्कम है सीबीआई डी जैसी चीज नहीं है वो बीजेपी बाजार है य एंटीशन एक्टिविटी हो रही है इससे बड़ी एंटी नेशनल एक्टिविटी हो ही नहीं सकती नमस्कार मैं रवीश कुमार इलेक्टोरल बॉन्ड पर हमारा आज का यह दूसरा वीडियो है और इस विषय पर नौवां इस बंड में इतने प्रकार के घोटाले के सुराग मिल रहे हैं कि उन्हें तेज गति से समझना और आप तक लाना भी एक चुनौती है

 

बॉन्ड पर राहुल आक्रामक, सन्नाटे में भाजपा | BJP silent on Electoral Bonds ravish kumar news

आपको पता होगाकि इस मामले में अंग्रेजी वेबसाइट रिपोर्टर्स कलेक्टिव की टीम ने शानदार काम किया है इसी टीम की रिपोर्टिंग का परिणाम है कि मोदी सर सरकार का सबसे बड़ा घोटाला दर्शकों के बीच सामने आया है आप देख सकते हैं कि कैसे कॉरपोरेट इस बंड के जरिए सरकार का गुलाम भी बन रहे हैं और सरकार के यार भी लेकिन क्या इसकी रिपोर्टिंग आपके हिंदी अखबारों और हिंदी चैनलों में हो रही है रिपोर्टर्स कलेक्टिव की खबरें हिंदी सहित कई भाषाओं में होती हैं क्या उन खबरों को इन अखबारों में प्रकाशित किया जा रहा है इन चीजों पर गौर कीजिए आज हिंदी के के अखबार और हिंदी के चैनल हिंदी समाज के सबसे बड़े अपराधी हैं

 

rahul gandhi congres neta

इस समाज को पीछे रखने में इस समाज को जागरूक होने से रोकने में इसका सबसे बड़ा प्रमाण है इलेक्टोरल बॉन्ड की रिपोर्टिंग हिंदी के कई बड़े अखबारों में बॉन्ड की रिपोर्टिंग रूटीन की तरह है कंपनियों को लेकर बीजेपी या अन्य दलों से रिश्तों को लेकर विस्तृत पड़ताल नहीं की गई है जिस तरह से रिपोर्टर्स कलेक्टिव इस मामले में रिपोर्टिंग कर रहा है रिपोर्टर्स कलेक्टिव के पास अखबारों जितने रिपोर्टर नहीं हैं पैसे नहीं हैं फिर भी इस वेबसाइट के पत्रकारों ने क्या कमाल की रिपोर्टिंग की है आप रिपोर्टर्स कलेक्टिव की आर्थिक मदद जरूर करें उन्हें मजबूत करें हिंदी के दर्जनों संपादकों हजारों पत्रकारों की फौज वाले हिंदी के अखबार क्या कर रहे हैं

 

यह सवाल पूछिए क्या उनका काम मोदी सरकार पर सवाल करने वाली खबरों की हत्या करना रह गया है हिंदी में एक से एक पत्रकार हैं मगर उन सभी के हाथ बांध दिए गए हैं क्या किसी हिंदी के संपादक को पहले पन्ने पर यह सवाल नहीं पूछना चाहिए कि हैदराबाद की कंपनी मेघ इंजीनियरिंग इंफ्रा लिमिटेड ने 966 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड क्यों खरीदा क्या इस कंपनी के पास इतना पैसा है कि वह राजनीतिक दल को हजार करोड़ रुपए भेंट कर देगी इसी कंपनी के पास तेलंगाना का एक बड़ा प्रोजेक्ट है जिसके बारे में सीएजी ने कई सारी गंभीर टिप्पणियां की हैं

 

सीएजी ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट ने सरकार को काफी बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाया है इसमें बहुत सारी गड़बड़ियां हैं पहले इसकी लागत 82000 करोड़ की थी मगर अब यह बढ़कर डेढ लाख करोड़ तक हो सकती है तेलंगाना चुनाव में कलेश्वर डैम एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना था राहुल गांधी एक बार फिर से एक बड़े मुद्दे पर सही साबित हो गए यह राहुल गांधी का ही ट्वीट है नवंबर 2019 का आज काफी वायरल हो रहा है इसमें राहुल गांधी ने लिखा था कि नए भारत में घूस और गैर कानूनी कमीशन को इलेक्टोरल बंड कहते हैं

 

हम आपको बता दें कि राहुल गांधी ने जिस रिपोर्ट को ट्वीट किया था वह नितिन सेठी की है वही नितिन सेठी रिपोर्टर्स कलेक्टिव के तहत बंड का भांडा फोड़ रहे हैं हिंदी के संपादक मोदी चालीसा लिखने में व्यस्त हैं सीबीआई ईडी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का प्रयोग किया जा रहा है कंपनीज को एक्सोर्ट किया जा रहा है बड़े-बड़े कांट्रैक्ट का शेयर लिया जा रहा है कांट्रैक्ट देने से पहले इलेक्ट इलेक्टोरल बंड दिए जा रहे हैं और फिर एकदम बाद कांट्रैक्ट दिया जा रहा है शल कंपनी उसमें भरी हुई है और यह पूरा का पूरा जो ढांचा है प्रधानमंत्री ने क्रिएट किया है इनका ब्रेन चाइल्ड है

 

इन्होंने कहा है कि भाई इलेक्टोरल बंड्स हिंदुस्तान के राजनीति को साफ कर देगा नहीं वो दो टुकड़े में दो टुकड़े में व जो किया उसका पैसा कहां से आया य से तो आया जो यह हिंदुस्तान में स्टेट गवनमेंट आफ्टर स्टेट गट गिरा रहे हैं पैसा से आर इधर से तो आ रहा है और यह अभी तो छोटा सा भाग दिखाए तो इन्होंने पूरे के पूरे सिस्टम को एक्शन का सिस्टम बना दिया पॉलिटिकल परे स्ट्रक्चर कोने कैपचर कर दिया सीबीआई इन्वेस्टिगेशन नहीं करती है

 

ईडी इन्वेस्टिगेशन नहीं करती है एक्सशन करती है किसके लिए बीजेपी के लिए क्या तब राहुल गांधी की बात को किसी ने गंभीरता से लिया था क्या मीडिया ने इस बात की पड़ताल की थी कि यह बंड क्या है किस तरह से इस बंड के जरिए भारत के लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है आज आपने देख लिया कि इस बंड के जरिए बीजेपी आर्थिक महा शक्ति बन गई है और दूसरे राजनीतिक दल चुनाव लड़ने की हालत में नहीं हैं यह वीडियो विधानसभा चुनाव के समय का है

 

राहुल गांधी एटीएम का मॉडल लेकर कलेश्वरम सिंचाई परियोजना में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मुद्दा बना रहे थे और तेलंगाना के वोटर को दिखा रहे थे कि यह प्रोजेक्ट केसीआर के लिए एटीएम मशीन है इसके जरिए तेलंगाना की जनता का एक लाख करोड़ रुपया चोरी किया गया है कलेश्वर केसीआर और उनके परिवार का एटीएम है 2 नवंबर को राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि मैं मेडी गुड्डा बराज गया था जो कलेश्वरम लिफ्ट इरिगेशन योजना का हिस्सा है इसके कई खंभों में दरार पड़ गई हैं क्योंकि घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है

 

आप देखिए सरकार में जो भी पैसे बनाने वाले चोरी करने वाले डिपार्टमेंट है व सारे के सारे चीफ मिनिस्ट या उनके परिवार के हाथों में कलेश्वरम सिंचाई प्रोजेक्ट सवा लाख करोड़ रुपए का बताया जाता है यह प्रोजेक्ट मिला है मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड एमई आईएल को जिसने 966 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं फ्यूचर गेमिंग के बाद यह कंपनी बॉन्ड खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर है

 

अभी यह पूरी तरह साबित नहीं हुआ है कि 966 करोड़ का बॉन्ड किस पार्टी को गया है लेकिन सोशल मीडिया पर पुरानी खबरों को निकालकर बताया जा रहा है कि इस कंपनी ने 11 अप्रैल 2023 को 140 करोड़ का बंड खरीदा और एक महीने के अंदर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे और भाजपा सरकार से 14400 करोड़ के कांट्रैक्ट मिले इस कंपनी पर भी आयकर विभाग के छापे पड़ चुके हैं ऐसी कंपनियां 966 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद रही हैं क्या देश को नहीं जानना चाहिए कि यह कंपनी किस-किस पार्टी को चंदा देती है केसीआर को कितना देती है

 

बीजेपी को कितना देती है या अन्य दलों को कितना देती है इसी मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड एमई आईएल की सहायक कंपनी है वेस्टर्न यूपी पावर प्रोजेक्ट इसने भी 220 करोड़ का इलेक्टोरल बंड खरीदा है दोनों कंपनियों को मिलाकर 1186 करोड़ की राशि हो जाती है यही नहीं प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट जिसके बारे में हमने आपको पिछले वीडियो में बताया है उसमें भी 20222 में सबसे अधिक चंदा मेघा इंजीनियरिंग ने दिया 83 करोड़ 2023 के साल में उसी ट्रस्ट से केसीआर की पार्टी को 90 करोड़ का चंदा मिला इस ट्रस्ट ने अपने कुल चंदे का 75 फीदी पैसा बीजेपी को दिया है

 

कंपनियां टैक्स बचाने के लिए इस ट्रस्ट को पैसा देती हैं न्यूज़ मिनट ने इस कंपनी के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की कि इस कंपनी ने एक नौकर शाह की शादी का पूरा खर्चा उठाया तो कंपनी ने न्यूज़ मिनट पर मान हानि का दावा कर दिया हमारी चुनौती है कि कैसे इन खबरों को हिंदी के आम दर्शकों तक पहुंचा दिया जाए इसलिए हम जहां भी अच्छी सामग्री प्रकाशित हुई है उसका संकलन कर रहे हैं ताकि यह बात हिंदी प्रदेशों में ऑन रिकॉर्ड रहे और गंभीरता के साथ क्या यह बड़ी बात नहीं है कि किसी कंपनी को मुनाफा 10 करोड़ का हो रहा है

 

और वह चंदा 410 करोड़ का दे रही है यह कैसे मुमकिन हो सकता है यूपीए के समय एक नियम था कि वही कंपनी चंदा दे सकती है जो 3 साल तक लगातार मुनाफा कमाए गी और उसका भी केवल 75 प्र ही चंदा देगी प्रधानमंत्री मोदी और उनके तब के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चालाकी से इस प्रावधान को हटा दिया अब कोई कंपनी अपने मुनाफे का कितना भी हिस्सा चंदे के रूप में दे सकती थी और उसे अपने शेयर होल्डर को बताने की जरूरत भी नहीं रही ना किसी और को बताने की जरूरत थी

 

इलेक्टोरल बॉन्ड की जब से जानकारियां सामने आई हैं कई कंपनियों के बारे में रिपोर्ट हो रही है कि उनका मुनाफा कुछ था मगर उससे भी कई गुना ज्यादा पैसे का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा गया यह कैसे संभव है जाहिर है कुछ घपला होगा या किसी और का पैसा इधर-उधर से घूमकर आ रहा होगा तमिलनाडु की कंपनी है फ्यूचर गेमिंग 2019 में जितना मुनाफा हुआ उसका छह गुना इस कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा दिया

 

रिपोर्टर्स कलेक्टिव ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि 20222 में इस कंपनी को टैक्स देने के पहले जो मुनाफा हुआ वोह 82 करोड़ का था और चंदा दिया 328 करोड़ का इस कंपनी ने 4 साल में 1300 68 करोड़ के बॉन्ड खरीदे हैं एक कंपनी है मदनलाल प्राइवेट लिमिटेड इसने अपने मुनाफे का 174 प्र का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है निकालिए प्रतिशत बैठ जाइएगा थककर क्याइसमें कुछ भी संदेहास्पद नहीं है इसी की दो सहोदर कंपनियां हैं केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा और एमकेजे एंटरप्राइजेस तीनों पश्चिम बंगाल में एक ही पते पर पंजीकृत है

 

यह कंपनी पार्ले एग्रो के फ्रूटी एप्पी और फिज बनाती है डिस्ट्रीब्यूटर है इन तीन कंपनियों ने मिलकर 500 करोड़ से अधिक के बॉन्ड खरीदे हैं 201920 में मदनलाल लिमिटेड ने 185 करोड़ का चंदा राजनीतिक दलों को दिया जबकि इसका कुल मुनाफा 1.
84 करोड़ रपए का था क्या कोई कंपनी जिसका मुनाफा 2 करोड़ भी ना हो 185 करोड़ केले रल बंड खरीद सकती है 2021 में ईडी ने केवेंटर में छापे मारे तीनों कंपनियों के सीईओ का नाम एक ही है

 

राधेश्याम खेतान मई 2014 में केवेंटर ने 140 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा और दूसरी कंपनी मदन लाल लिमिटेड ने उसी महीने में ही 186 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा इसी राधेश्याम खेतान की कंपनी एमकेजे एंटरप्राइजेस ने 4 साल में 192 करोड़ का चंदा दिया है क्या यह सब सुनकर आपके पांव के नीचे से धरती खिसक नहीं जाती 2021 में केवेंटर के यहां छापा पड़ा था या 24 मार्च आ गया है छापे और इसके मुकदमे की मंजिल क्यों नहीं नजर आती है

 

सीबीआई और ईडी जैसी चीज नहीं है वह बीजेपी औजार है व बीजेपी के कंट्रोल में है हिंदुस्तान में जो हमारे इंस्टिट्यूशन हुआ करते थे वो आज इंस्टिट्यूशन हिंदुस्तान के नहीं है इलेक्शन कमीशन हो चाहे सीबीआई सब हो ये अब बीजेपी और आरएसएस के हथियार है य हिंदुस्तान के इंस्टिट्यूशन नहीं रहे इसीलिए यह जो हो रहा है यह हो पा रहा है अगर य इंस्टिट्यूशन अपना काम करते अगर सीबीआई अपना काम करती ईडी अपना काम करती तो य नहीं होता तो उनको यह भी सोचना चाहिए य सब कर रहे हैं कि किसी ना किसी दिन बीजेपी की सरकार बदलेगी और फिर कारवाई होगी और ऐसी कारवाई होगी

 

कि मैं गारंटी कर रहा हूं य फिर से कभी नहीं होगा तो उनको भी सोचना चाहिए बहुत सारे नाम हैं बहुत सारे आंकड़े हैं कुछ त्रुटियां हमसे हो सकती हैं मगर अनजाने में ही होगी क्योंकि यह मामला इस देश का इतना बड़ा घोटाले का है इसलिए इसमें रिपोर्टिंग बहुत जरूरी है पश्चिम बंगाल सरकार ने मेट्रो डेरी से अपना हिस्सा इसी समूह को बेच दिया और केवेंटर ने उसे खरीदा अधीर रंजन चौधरी ने इस डील के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका की वह खारिज हो गई 500 करोड़ का यह चंदा किसे गया होगा गेस करना मुश्किल नहीं लेकिन बेहतर होगा

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