किसको चाहिए डिक्टेटर ? कद्दू समझ रखा है ? | Who wants Dictatorship in India?

नमस्कार मैं रवीश कुमार यह जरा बताइए आप तानाशाही कब से पसंद करने लगे हैं मतलब कुछ भी बालूशाही समझ रखा है तानाशाही को आपने यह कौन लोग हैं जो पीयू के सर्वे में गए थे और वह भी सर्वे करने वाली कंपनी आत्मनिर्भर भारत वाली नहीं है अमेरिका की है इसने 2023 में 24 देशों में सर्वे किया है सबसे ज्यादा इंडिया के लोगों ने कहा कि उन्हें डिक्टेटर चाहिए सर्वे वालों को इन सभी को जमाल गोटा पिलाकर वापस भेज देना चाहिए था इनसे पूछना चाहिए था कि भाई डिक्टेटरशिप का ऐसा कौन सा काम बचा है जो डेमोक्रेसी में नहीं हो रहा है आपको प्रॉब्लम है क्या गोखले ब्रिज और बर्फी

 

किसको चाहिए डिक्टेटर? कद्दू समझ रखा है? | Who wants Dictatorship in India?

(00:44) वाला फ्लाई ओवर के बीच गैप रह गया है मैं मानता हूं रह गया है और ये प्रॉब्लम भी है तो क्या इसके लिए डिक्टेटर चाहिए आपको क्या लगता है डिक्टेटर सीमेंट और सरिया लेकर घूम रहा है वो अच्छा गोखले ब्रिज नहीं जुड़ रहा है लाओ जोड़ देता हूं कुछ पता भी है इन सभी को कि तानाशाही क्या होती है और तानाशाह इनके साथ क्या करेगा पहले मालूम तो कर लीजिए डिक्टेटर ने क्या-क्या किया है वह आपके ही बीच के लोगों का गला दबा देंगे अभी तो आप लोकतंत्र में सोच भी ले रहे हैं कि डिक्टेटर चाहिए सपना आ रहा है तानाशाही में तो सोचना भी बंद हो जाएगा आपको क्या

(01:24) लगता है डिक्टेटर प्यार से डिक्टेट करेगा उसको आप डिक्टेटर बोलेंगे तो आपको ही सबसे पहले चुप करा देगा जेल में डाल देगा डिक्टेटर भी अपने आप को डिक्टेटर नहीं कहता है मान लीजिए आप डिक्टेटर ले आए ले आइए मन है तो उसके पास कहने चले गए डिक्टेटर जी हमारी मांगे सुन लीजिए आपकी हालत खराब कर देगा जब उसे ही डिक्टेटर कहलाना पसंद नहीं होगा तो आप उसे डिक्टेटर क्यों बनाना चाहते हैं लोकतंत्र की भाषा लोकतंत्र की होनी चाहिए यह सीना इतने इंच का उतने किलोमीटर का यह सम्राट वह सम्राट कुछ नहीं मिला तो हृदय सम्राट लोकतंत्र में सम्राट का क्या काम है वैसे भी चीन का

(02:08) फोन आ ही रहा है चीन वाला क्यों चाहिए डिसाइड ही कर लिया है कि खुद को सजा देनी है तो देश पर तानाशाह क्यों थोपना चाहते हैं कोड़ा खरीद लाइए रोज खुद को 100 कोड़े मारिए दिन में 100 कोड़े और रात को 400 कोड़े उस पर नमक रगड़ लिया कीजिए साबुन छोड़कर गोबर से नहा लीजिए किसने रोका है इसके लिए डिक्टेटर क्यों चाहिए यह काम तो आप डेमोक्रेसी में कर भी रहे हैं गोबर की कोई कमी भी नहीं तब फिर डिक्टेटर क्यों चाहिए मतलब आपको किसने बताया है कि भारत के लिए डिक्टेटर ठीक रहेगा सोच कब लिया आपने ट्रैफिक जाम में ज्यादा देर तक फंस गए थे ट्रैफिक में ही यह सब ख्याल आता है

(02:50) उल्टा सीधा कि इंडिया को डिक्टेटर चाहिए वही आकर सबको लेन में चलाएगा ऐसे नहीं मानेंगे सब अरे भाई ट्रैफिक जाम के लिए ट्रैफिक इंस्पेक्टर चाहिए होता है डिक्टेटर सीटी बजाकर जाम नहीं खुलवाए आ गया तो उसी जाम में सिट्टी पिट्टी गुम कर देगा पी हो फ्यू हो सर्वे किसी का भी हो दिमाग तो आपका है आपने यह बात कैसे कह दी कि आपको भारत के लिए डिक्टेटर चाहिए और यह सर्वे क्या चीज है बता रहा है कि 2017 की तुलना में 2023 में ज्यादा लोग सोचने लगे 80 प्र हो गए हैं कि हमें डिक्टेटर चाहिए मोदी जी रोज कहीं ना कहीं जा रहे हैं बताने के लिए कि गवर्नेंस चपका दिया है

(03:33) इतनी होल्डिंग लगा दी है और आप सर्वे में कह रहे हैं गवर्नेंस ठीक नहीं है ठीक करने के लिए डिक्टेटर चाहिए आपको कुछ चाहिए तो बोलिए चुन लीजिए मोदी जी इतनी गारंटी दे रहे हैं सिलेंडर से लेकर अनाज तक दे रहे हैं जितने भी लोगों ने इस सर्वे में हिस्सा लिया है उन सबके कपार की चंपी कराई जानी चाहिए गर्दन अकड़ गई है तो पहलवान बुलाकर गर्दन चटकाई जानी चाहिए ताकि सोचने में कुछ ताजगी आए दम घुट रहा है तो दिल्ली की प्रदूषित हवा में चले जाइए और ज्यादा दम घुट इसके लिए डिक्टेटर मत बुलाइए क्या इस हवा में दम नहीं घुट रहा गैस चेंबर ही

(04:11) चाहिए तभी आप मानेंगे चुनाव के समय तो आप 70 पर 80 पर निकलकर वोट दे आते हैं फिर यह 85 पर कौन है इन्होंने कैसे कह दिया कि डिक्टेटर चाहिए यह सर्वे ंकल के बीच हुआ था क्या कॉलोनी के आरडब्ल्यूए वाले ही गए होंगे इसमें कि सोसाइटी में तो कंट्रोल हो गया है अब बस इंडिया में डिक्टेटर चाहिए होंगे यही सब लोग आप पता कीजिए अपने चैनल वाले दिन रात सर्वे करते हैं मगर वे तो यह सब सवाल नहीं पूछते कि आपको डिक्टेटर चाहिए या नहीं लोगों ने अगर टिक कर दिया सवाल के सामने हमको डिक्टेटर चाहिए सोचिए अपने चैनल वाले सर्वे करें और यह सब निकल

(04:52) कर आ जाए कि इनसे भी लोग कह रहे हैं कि डिक्टेटर चाहिए तो देश में आग लग जाएगी अच्छा हुआ जॉर्ज सोरस की कंट्री वालों ने सर्वे किया है गोदी मीडिया वालों ने नहीं किया इंडिया के सारे सर्वे वाले पता करने में लगे हैं मोदी जी कितने लोकप्रिय हैं और यह वाला पता करने निकल गया है कितनों को डिक्टेटर पसंद है मतलब अच्छा है दोनों में कोई लिंक नहीं है लेकिन कोई तो लिंक होना चाहिए पूछने की जरूरत क्या पड़ी है कि तानाशाही पसंद है या नहीं अच्छा बताइए जब भारत में बिना बात के लोगों को 10-10 साल जेल में डालने की सुविधा है तो फिर इसी काम के लिए डिक्टेटर क्यों

(05:32) चाहिए माओं की किताब रख लीजिए आपको माओवादी मान लिया जाएगा 10 साल के लिए जेल में डाल दिया जाएगा कौन पूछ रहा है किसी का कुछ बिगड़ा है क्या अफसर की ऐश किसी ने खराब नहीं की बिना ग्राउंड के कितने लोग जेलों में अंडरग्राउंड कर दिए गए हैं तीन-तीन साल से जेल में है जमानत पर सुनवाई नहीं इस सिस्टम में कौन सी ऐसी खराबी है कि आपको डिक्टेटर चाहिए मैं कुछ पूछ रहा हूं आप लोगों से आप बता ही नहीं रहे जब इस डेमोक्रेसी में जज साहब जजमेंट लिखने के बाद पार्टी का झंडा पकड़ लेते हैं कोई रोकने वाला भी है तो आपको डिक्टेटर क्यों चाहिए राज्यसभा हो ही गया

(06:14) लोकसभा हो ही जाएगा अब क्या जजों को पार्षद का चुनाव है जिसके लिए इंडिया में डिक्टेटर चाहिए अभिजीत गांगुली ने कह दिया टीवी इंटरव्यू में जज थे तभी बीजेपी ने संपर्क किया था बताइए इस्तीफा देकर बीजेपी का झंडा झुला रहे हैं गांधी और गोडसे में कौन अच्छा है जज साहब नहीं बता रहे कह रहे हैं टाइम चाहिए बताने के लिए ऐसा आदमी जज हो गया ऐसा ही आदमी न जाने क्या-क्या हो जाता है इतनी छूट है ना किसी को कुछ भी हो जाने की यहां फिर क्यों भारत में आपको डिक्टेटर चाहिए जिस किसी ने भी पीयू के इस सर्वे में हिस्सा लिया है वह हमारा वीडियो देखने के बाद तुरंत

(06:57) संपर्क करें आए जरा मेरे सामने 2 साल में ढ लाख से ज्यादा घर तोड़ दिए गए 75 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित कर दिए गए किसी को पता चला किसी ने रोया रोते हुए किसी को देखा जब कुछ पता ही नहीं चल रहा है तब फिर पता ना चले इसी काम के लिए डिक्टेटर क्यों चाहिए आपको बुलडोजर से घर ही गिराना चाहते हैं वह काम तो हो ही रहा है बिना कोर्ट के हो जाता है नेता जेल में जा ही रहे हैं जेल के डर से अपनी पार्टी छोड़ ही रहे हैं विपक्ष खत्म हो ही रहा है तो फिर आपको क्यों लगता है कि इंडिया को डिक्टेटर चाहिए हो तो गया है सारा काम फिर किस काम

(07:37) के लिए चाहिए पार्टी की पार्टी टूट गई जो बची है वह भी टूट जाएगी तो फिर इसी सब काम के लिए डिक्टेटर आपको क्यों चाहिए विज्ञापन आ रहे हैं 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज दिया जा रहा है और खबर छप रही है गरीब 5 पर ही बचे हैं जब सब आंखों के सामने हो ही रहा है तो इसे छिपाकर करने के लिए डिक्ट टर क्यों चाहिए कोई ऐसा काम बताइए बताइए आप भी जो नहीं हो रहा हो जब सारा काम हो चुका है तो डिक्टेटर को किस काम के लिए आप बुला रहे हैं वह करेगा क्या इंडिया में आकर चुनावी चंदे का हिसाब नहीं मिलेगा चिंता मत कीजिए बैंक लगा हुआ है ना कि किसी तरह लोगों को पता नहीं चलने देंगे

(08:20) यह काम भी हो जाएगा आप सर्वे में बोलना बंद कर दो कि डिक्टेटर चाहिए लेकिन यह मत बोल देना कि हमारे पास है हमें नहीं चाहिए खैर जो भी हो सामने आइए सर्वे में लुका लुका कर मत बोलिए कि इंडिया में डिक्टेटर चाहिए हुआ क्या क्यों नाराज हो गए इंडिया से न्यूज छप गई है कहीं नहीं छपे गी भाई वह तो कब की छप बंद हो गई किसी ने आपको मजबूर किया है कि आप पत्रकारिता कीजिए किसी ने दबाव डाला है कि आप खोजी खबरें छाप दीजिए सरकार से सवाल कर दीजिए अब तो पीएम कह रहे हैं उनकी खबर कोई नहीं छाप रहा खबर है क्या जो छापे अखबार में उनकी खबरों से जगह बचेगी तब तो उनकी खबर छपे गी

(09:06) इतना सब कुछ हो तो गया है फिर क्यों इंडिया के लिए डिक्टेटर चाहिए जिस किसी ने भी पीयू के सर्वे में कहा है कि डिक्टेटर चाहिए उन सभी को बताइए कि परीक्षाएं कैंसिल हो रही हैं पेपर लीक हो रहे हैं और यह सब ठीक से हो रहा है अंकिता भंडारी के इंसाफ के लिए रिपोर्टिंग करने वाला पत्रकार नेगी जेल जा चुका है कश्मीर के पत्रकार आसिफ सुल्ताना को 5 साल जेल में रखा गया कोर्ट ने कहा कोई सबूत नहीं छोड़ो उनका आतंकवादियों से संबंध नहीं 5 साल बाद रिहा हुए कुछ घंटे के भीतर फिर से गिरफ्तार हो गए मतलब यही सब काम कोई डिक्टेटर आकर ही करेगा यह काम तो हो ही

(09:48) रहा है बोलना मुश्किल है लोगों ने बोलना बंद भी कर दिया है तो डिक्टेटर आकर करेगा क्या सर्वे में जाकर क्या-क्या बोलते हैं आप लोग मैं समझता हूं कि कि आपको नफरत पसंद है ठीक बात है तो सप्लाई में कहां कमी रह गई है यह एंकर फैला तो रहे हैं लव जिहाद के नाम पर नफरत तो फिर इसी काम के लिए आपको डिक्टेटर क्यों चाहिए चार-चार एंकर इस काम में लगे हैं फिर भी अमेरिका के सर्वे वाले को आप कह देते हैं इंडिया के लिए डिक्टेटर चाहिए एंकर हाथी की खिचड़ी खा रहा है डिक्टेटर आ गया तो पीपल का पेड़ खाने लग जाएगा मत लाओ इंडिया में डिक्टेटर समझो मेरी बात सुनो

(10:30) आपने किस डिक्टेटर के राज में जाकर देख लिया कि वहां सब कुछ दी बेस्ट है जो चीज देखी नहीं उसी की रट लगाए बैठे हैं डायबिटीज तो कंट्रोल नहीं हो रहा चाहिए आपको डिक्टेटर क्यों अपना बीपी बढ़ाने में लगे हैं आप लोग आज तो पूछ कर रहूंगा कि आपको डिक्टेटर क्यों चाहिए रूस से पेट्रोल आ रहा है फिर रूस वाला क्यों चाहिए हम लोग कॉल सेंटर बनाकर अमेरिका वालों को ठग रहे हैं उनके डॉलर यहीं जामता से उड़ा उड़ा ले रहे हैं और यह लोग अमेरिकी सर्वे पीयू से कह रहे हैं डिक्टेटर चाहिए विकपीडिया ही देख लो मेन्यू लेकर आना पड़ेगा बर्ब गिडिजला की यूनिवर्सिटी में पढ़ाती हैं

(11:11) इन्होंने लिखा है कि पांच तरह की तानाशाही होती है मिलिटरी व्यक्तित्व वादी सिंगल पार्टी हाइब्रिड और राजशाही डिक्टेटरशिप की और भी वैराइटल है टोटलिटेरियन है डिस्पो इजम है यह सब भी हैं एक नया और आ गया है स्पिन डिक्टेटर जर्मनी इटली पोलैंड हंगरी चीन नॉर्थ कोरिया साउथ अफ्रीका जापान लैटिन अमेरिका बहुत से देश हैं जहां भाती भाती के डिक्टेटर आकर चले गए आज भी कई जगहों पर हैं इंडिया में क्यों चाहिए डिक्टेटर देखना है तो किसी जगह आज भी मिल जाएंगे वहां जाकर देख आइए बड़े-बड़े बिजनेस घराने के लोग पीछे से खेल खेलेंगे जनता की जगह

(11:52) सत्ता पर उनका कंट्रोल होगा धर्म का नशा तो कभी रेस का नशा आप पर चढ़ता रहेगा नेताजी खूब खूब पॉपुलर होते रहेंगे और फिर जनता की ही गर्दन कटेगी वैसे लोकतंत्र पर रिसर्च करने वाली संस्था वी डेम ने कहा है कि भारत में इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी है या कुछ नया मालूम पड़ता है आजकल के डिक्टेटर का चेहरा बदल गया है फ से जैसे इंस्टा हो गया है उसका मतलब भी बदल गया है हिटलर स्टालिन इी अमीन से लेकर पापा डॉक सबने लोगों को मरवाया अपने को महान बनवाया हर जगह अपना पोस्टर लगवा दिया चांद और सूरज से ज्यादा यही लोग दिखाई देते रहे उसके अलावा किसी को कुछ दिखाई भी नहीं दिया

(12:34) बिना देखे बहुत सारे लोग दुनिया से चले गए तरह-तरह के सेंसर लग गए कंट्रोल तरीके से सब कुछ होता रहा जैसे किसी का घर गिरा दिया जाता है जजों को कंट्रोल कर लिया जाता है सारे फैसले उनके और सारी सजा आपकी डेमोक्रेसी को ही फेक बना देते हैं जैसे फेक न्यूज़ होता है वैसे ही फेक डेमोक्रेसी होने लगी है इस नए वाले डिक्टेटर को आजकल स्पिन डिक्टेटर कहते हैं मीडिया उसकी गुलाम होती है दिखेगा कि सब कुछ लोकतंत्र ही है मगर हर जगह कंट्रोल रहेगा उसका भीतर भीतर होता क्या है कि फिल्मों में या आप अपने घरों की बातचीत में हताशा में नेताओं को गाली देते हैं

(13:15) उन्हें लताड़ हैं ठीक बात है भड़ास निकाल लिए ऐसा करते रहिए कीजिए मगर इसका मतलब यह नहीं कि इन्हें ठीक करने के लिए आप किसी को डिक्टेटर बना दें कोई भी डायलॉग लिख जाता है इस बीमारी की जड़ डेमोक्रेसी में है बस आप ताली बजा देते हैं हां भाई प्रॉब्लम डेमोक्रेसी में है लेकिन डिक्टेटरशिप में भी कम प्रॉब्लम नहीं है उसमें तो प्रॉब्लम बताने से पहले ही आपको साफ कर देने का सिस्टम है एक को डिक्टेटर बनाकर आप करोड़ों लोगों को असहाय बना देते हैं ऐसा कौन सा काम है जो डेमोक्रेसी में नहीं हुआ है किसी भी देश की डेमोक्रेसी में सारे काम हुए हैं लेकिन यह सनक क्या
(13:58) है और यह कब चढ़ जाती है कि इंडिया को डिक्टेटर चाहिए यह जो बकवास आपको रोज मिलता है अंकिल से कि डेमोक्रेसी में सब कुछ स्लो होता है डिक्टेटर आएगा तो फास्ट हो जाएगा उससे पहले अपने घर के बर्तन धोना शुरू कर दीजिए घर का काम होता नहीं डिक्टेटर आएगा तो फास्ट काम करेगा एक और वैरायटी आ गई अपने यहां टू मच डेमोक्रेसी कहने वालों की यह भी डिक्टेटर का ही दूसरा नाम है जिस कुर्सी पर पहुंचे हैं वहां पहुंचाया डेमोक्रेसी ने पहुंचकर इन्हें टू मच डेमोक्रेसी नजर आ गई इतनी सारी आजादी खत्म हो चुकी है अब बची क्या है जिसे खत्म करने के लिए आपको इंडिया में डिक्टेटर
(14:41) चाहिए एक काम कीजिए जहां-जहां आजादी बची है उसकी लिस्ट बनाइए ले आइए मुझे दीजिए मैं ट्वीट कर देता हूं ताकि ये सारा कुछ आज ही खत्म हो जाए बताइए बिना चुनाव हुए रिजल्ट निकल जा रहा है घोषणा हो जा रही है कि जीत गए हैं ईवीएम पर विश्वास नहीं अच्छा खासा आंदोलन करने का चांस मिल रहा है अब यह लोग वो भी नहीं चाहते चाहते हैं कि इंडिया में डिक्टेटर आ जाए इससे बड़ा मिथक झूठ कुछ नहीं कि डिक्टेटर आ जाएगा तो सब ठीक कर जाएगा आर्ची ब्राउन ने ऐसे ही सनकी लोगों पर गहराई से अध्ययन किया है उन्हीं की किताब का टाइटल है द मिथ ऑफ स्ट्रांग मैन मजबूत नेता का झूठ मिथक ऐसी
(15:24) कई किताबें आपको डिक्टेटर को समझने में मदद कर सकती हैं है ना एरंड की किताब है द ओरिजिन ऑफ टोटलिटेरियन ज्म पॉल कैनयन की डिक्टेटर लैंड द मैन हु स्टोल अफ्रीका नोम चोम्स्की की किताब है इलेजिटिमेसी फेसिंग द चैलेंज ऑफ आर टाइम फ्रैंक डिकोट की किताब है हाउ टू बी अ डिक्टेटर आप पढ़ लीजिए बर्ब गेडसन हाउ डिक्टेटरशिप वर्क और गिडिया रैकमैन की किताब द एज ऑफ द स्ट्रांग मैन भी आप पढ़िए इतिहास में एक ऐसा उदाहरण नहीं है कि डिक्टेटर ने किसी देश का अभूतपूर्व कल्याण कर दिया हो डिक्टेटर जो वादा करते हैं पूरा नहीं कर पाते झूठ प्रोपेगेंडा रच देते हैं माहौल
(16:09) बना देते हैं मगर उसका मिथ इस तरह से बनाया जाता है कि हर दौर में लोग कहते मिल जाएंगे डिक्टेटर आएगा तभी सब ठीक होगा मिलिट्री रूल चाहिए अब आप इस तरह की बातें बंद कीजिए ऐसी कोई खास तरक्की नहीं हो जाएगी आपकी जवाबदेही हर काम की होनी चाहिए फसले मिलकर लिए जाने चाहिए जब अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता है तो अकेला तानाशाह कैसे सब ठीक कर देगा वह केवल अपने लिए मस्ती करता है दिन भर फोटो खिंचवा रहता है घूमता रहता है तरह-तरह के कपड़े पहनता है काम ढेले का नहीं इसमें सीना फुलाने वाली बात नहीं है कि भारत के लिए डिक्टेटर चाहिए बहुत दुख की बात है एक अच्छा सिस्टम
(16:51) जिसमें कई लोग मिलकर काम करते हैं व कई स तानाशाह से बेहतर होता है थोड़ा पढ़िए लिखिए सोचिए इन फांसी वादियों ने अपनी जनता के साथ क्या किया लोकतंत्र ने बहुत कुछ हासिल किया है इसे कोई भी चोट पहुंचाने की कोशिश करें तो सतर्क हो जाइए अगर इसके संकेत आसपास दिखे भी तो बोलिए कि हमें डिक्टेटर नहीं चाहिए डिक्टेटर का होना अच्छी बात नहीं है अच्छा लगेगा कि कोई आपके फोन में पैसेस डाल दे आपको अच्छा लगेगा और सब कुछ सुनता रहे पता रखे वीडियो लगाकर देखता रहे आपका उठना बैठना कहां हो रहा है हर बात का रिकॉर्ड रखें क्या यह आपको मंजूर है क्यों
(17:35) चाहिए यह सब काम करने गया है सत्ता में तो काम करें इतना सर्वेस इतनी निगरानी नहीं ठीक है अगर यह ठीक है तो घर में अपने माता-पिता की बात ही मान लीजिए नेशन पर डिक्टेटर का गोबर क्यों थोप रहे हैं बहुत सोच समझकर लोगों ने भारत को लोकतंत्र बनाने का फैसला किया और बनाए रखा घंटों नहीं हफ्तों नहीं महीनों बहस की है कैसा लोकतंत्र होगा इसकी संस्थाएं कैसे काम करेंगी कैसे एक दूसरे पर नजर रखेंगी इसी डिबेट में डॉक्टर अंबेडकर ने जॉन स्टुअर्ट मिल को कोट करते हुए कहा है कि दूसरी बात जो हमें करनी है वह यह है कि हम उस सावधानी को बरतें जॉन स्टुअर्ट मिल ने उन
(18:20) सबको बरतने के लिए कहा है जो लोकतंत्र को बनाए रखने में रुचि रखते हैं वह यह है कि किसी भी महान व्यक्ति के चरणों में अपने स्वातंत्र्य को चढ़ा ना दें या उसे वे शक्तियां ना सौंपे जो उसे उन्हीं की संस्थाओं को मिटाने की शक्ति दे क्योंकि भारत में भक्ति या जिसे भक्ति मार्ग या वीर पूजा कहा जाता है उसका भारत की राजनीति में इतना महत्त्वपूर्ण स्थान है जितना किसी अन्य देश की राजनीति में नहीं है धर्म में भक्ति आत्म मोक्ष का मार्ग हो सकता है पर राजनीति में भक्ति या वीर पूजा पतन तथा अंततः तानाशाही का एक निश्चित मार्ग है इस वीडियो को देखने के बाद अब
(19:04) अगर सर्वे वाला आए तो भगा दीजिए नहीं तो भाग लीजिए और कहिए कि हमें डेमोक्रेसी चाहिए डिक्टेटर नहीं चाहिए हां डेमोक्रेसी में जो घपले हो रहे हैं उसे ठीक करने की जरूरत है उसके लिए मेहनत कीजिए यह क्या बात हुई कि लोकतंत्र ही उठाकर खिड़की से बाहर फेंकने को तैयार हो गए बोला कीजिए कि किसी को बिना सबूत के 10 साल कैसे जेल में डाल दिया एक आदमी फैसला लेगा और एक ही आदमी की आवाज सुनाई देगी लाइफ वैसे भी बहुत बोरिंग हो जाएगी रही बात ट्रैफिक जाम से मुक्ति की तो आपको मुक्ति नहीं मिलेगी ट्रैफिक जाम से मुक्ति चाहिए तो उसका फैसला लोकतांत्रिक तरीके से होगा आपकी
(19:46) भागीदारी से मेट्रो मोनोरेल से कहीं ज्यादा पब्लिक बसों का विस्तार करना होगा उनका नेटवर्क जितना अच्छा होगा लोग कारें कम चलाएंगे जाम कम लगेगा डिक्टेटर बहुत भोंदू होता है उसे केवल डराने आता है माहौल बनाने आता है नौटंकी करना आता है हर समय सीरियस चेहरा बनाकर घूमता रहेगा और आपकी हालत सीरियस होती रहेगी इसीलिए भारत में आप भारत जैसा सोचिए डिक्टेटर की कल्पना आत्मनिर्भर भारत में ठीक नहीं लगती यह पश्चिम की बीमारी है इससे दूर रहिए नमस्कार मैं रवीश कुमार

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