किसे बना दिया चुनाव आयुक्त | New Election Commissions appointed
नमस्कार मैं रवीश कुमार सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार भारत के नए चुनाव आयुक्त होंगे आप देख रहे हैं त्वरित टिप्पणी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू दोनों ही रिटायर्ड आईएस अफसर हैं जिन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया है ज्ञानेश कुमार केरला कार्डर के आईएस हैं और इसी जनवरी में रिटायर हुए हैं द हिंदू की विजेता सिंह ने ट्वीट किया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में उनकी अहम भूमिका ही तब वे गृह मंत्रालय में थे सहकारिता विभाग से रिटायर हुए हैं गृह मंत्रालय में रहते हुए उन्होंने अयोध्या मामले पर आए कोर्ट के फैसले से जुड़े सभी मामलों की निगरानी की थी
जम्मूकश्मीर और लद्दाख डिवीजन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं डेकन हेराल्ड की एक पुरानी खबर में पढ़ने को मिला कि ज्ञानेश कुमार केंद्र द्वारा आर्टिकल 370 को निरस्त करने की प्रक्रिया में अहम किरदार थे पंजाब कार्डर के सुखबीर सिंह संधू को इसी 3 फरवरी के दिन लोकपाल का सचिव बनाया गया महीना भर नहीं हुआ कि उन्हें चुनाव आयुक्त बना दिया गया क्या भारत सरकार के पास प्रतिभाशाली अफसरों की इतनी कमी हो गई है कि जिन्हें एक बार चांस मिल रहा है वही सेवा विस्तार पर अपने पदों पर बने रहते हैं और उन्हें ही इस पद पर तो कभी उस पद पर बिठाया जाता रहता है ऐसे अनेक पद मिलेंगे जिन पर कोई ना कोई सेवा विस्तार पर चल रहा है जिनकी चर्चा हम थोड़ी देर में करेंगे
सुखबीर सिंह संधू पिछले साल जुलाई में उत्तराखंड के मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए उस पद पर भी उन्होंने 6 महीने का सेवा विस्तार प्राप्त किया 31 जनवरी 2024 को यह कार्यकाल भी खत्म हो गया और ठीक तीन दिनों के बाद यानी 3 फरवरी को लोकपाल के सचिव बना दिए गए एक साल के लिए सचिव बनाए गए मगर एक महीना भी नहीं बीता कि उन्हें चुनाव आयुक्त बना दिया गया क्या यह अजीब बात नहीं कि जिन्हें लोकपाल का सचिव बनाया जा चुका था उन्हें महीने भर के भीतर चुनाव आयुक्त बना दिया गया क्या किसी और को चांस नहीं मिल सकता था
मोदी सरकार की नौकरशाही का ऐसा हाल क्यों है क्यों कई अहम पदों पर अफसरों को सेवा विस्तार दिया जा रहा है ऐसे में उन अफसरों का क्या होता होगा जो whatsapp के महेश लंगा नौकरशाही की इन गतिविधियों पर नजर रखते हैं उनके की गई जानकारी से पता चलता है कि पिछले 1 साल में क्या-क्या हुआ इसी 12 मार्च को विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा को 6 महीने का सेवा विस्तार मिला है 13 फरवरी 2024 को महेश लंगा ने ट्वीट कर बताया कि एसपीजी के दो आईजी एस सुरेश और राजीव रंजन भगत को 1 साल का सेवा विस्तार मिला एस सुरेश पहले से ही 7 मार्च 2023 से सेवा विस्तार पर चल रहे थे 25 सितंबर 2023 का महेश लांगाह कि बायोटेक्नोलॉजी विभाग में सचिव राजेश गोखले को 2 साल का सेवा विस्तार मिला है
उसी दिन पीएमओ में एडवाइजर अमित खरे को भी सेवा विस्तार दिया गया 9 मई 2023 का महेश लंगा का एक और ट्वीट देखिए पीएमओ के अतिरिक्त सचिव अरविंद श्रीवास्तव को 2 साल का सेवा विस्तार मिला पूरी नौकरी नहीं सिरे से दे दी जाती 13 अप्रैल 2023 का महेश लांगाह और ट्वीट है कि ऋत्विक पांडे को राजस्व विभाग में बतौर संयुक्त सचिव 2 साल का सेवा विस्तार मिला है 2 मार्च 2023 को हाइड्रोकार्बन के डीजी सुभाष चंद्र लाल दास को 2 साल का सेवा विस्तार मिला है
दो दो साल का सेवा विस्तार इन दो साल में किसके अरमानों पर पानी फिर जाता होगा वह ना तो हमसे कह सकते हैं और नहीं जानते हुए भी हम आपसे कैसे कह सकते हैं वैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन भी सेवा विस्तार पर हैं क्या यह सब कुछ ज्यादा नहीं है इससे तो कितने लोगों का चांस खराब हो गया होगा इन पदों तक पहुंच कर भी नहीं बन पाते होंगे मार्च 2023 में अनूप बरवाल केस में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर एक व्यवस्था दी तब अरुण गोयल वीआरएस लेने के 24 घंटे के भीतर चुनाव आयुक्त बना दिए गए उनके चयन में जल्दबाजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया कोर्ट ने कहा कि
भारत का चुनाव आयुक्त प्रधानमंत्री का यस मैन नहीं होना चाहिए बल्कि ऐसा होना चाहिए जो प्रधानमंत्री के खिलाफ भी जांच कर सके मार्च 2023 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने जो भी व्यवस्था बनाई उसके साथ यह भी कहा कि जब तक सरकार नया कानून नहीं बनाती है इसी तरह से चयन होगा यानी उस चयन समिति में चीफ जस्टिस भी होंगे सरकार ने उस व्यवस्था को नए कानून से बदल दिया अब कोई भी ऐसी कमेटी जिसमें सरकार का बहुमत हो जिसका चुनाव प्रधानमंत्री करेंगे उस पर संदेह ही किया जाएगा कि क्या चुनाव आयोग यस मैन वाले लोगों से भरता जा रहा है
पिछले साल दिसंबर में शीतकालीन सत्र में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का कानून बना जिसके तहत आयुक्तों की चयन करने वाली समिति से चीफ जस्टिस को बाहर कर दिया गया नए कानून के अनुसार कमेटी में सरकार का बहुमत बन गया प्रधानमंत्री के अलावा उन्हीं के द्वारा मनोनीत कैबिनेट मंत्री होते हैं और विपक्ष के नेता नए कानून में बनी कमेटी ने पहली बार चुनाव आयुक्त का चुनाव किया है जबकि 13 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका भी स्वीकार की है जिसमें एडीआर ने चुनाव आयुक्त के चुनने
के नए कानून को चुनौती दी है एडीआर ने कहा है कि कमेटी में बहुमत सरकार का है केंद्र सरकार ने कानून बनाकर इस फैसले को रद्द किया
और चयन समिति से चीफ जस्टिस को बाहर कर दिया जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने याचिका स्वीकार कर ली है पूर्व चुनाव आयुक्त और इस पद से इस्तीफा देने वाले अशोक लवासा ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखा है कि यह बात समझ से बाहर है कि सरकार ने चयन समिति से चीफ जस्टिस को क्यों बाहर किया जबकि हाल फिलहाल में ऐसी किसी चयन समिति में चीफ जस्टिस ने असहमति जताई हो ऐसा कुछ भी याद नहीं आता पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के कहने का मतलब है ऐसा करने से इस समिति पर हमेशा ही संदेह किया जाता रहेगा क्योंकि बहुमत सरकार का है
आज नई samiti ने दो चुनाव आयुक्तों का चयन किया है जिस कानून मंत्रालय को अफसरों की सूची बनानी होती है उसी के मंत्री इस कमेटी के मनोनीत सदस्य हैं और मनोनीत किया है प्रधानमंत्री ने तो जाहिर है दोनों के बीच असहमति का तो प्रश्न ही नहीं बनता खासकर चुनाव का टाइम भी है हालांकि अर्जुन मेगवाल को बीकानेर से टिकट मिल गया है लेकिन अभी नामांकन तो शुरू नहीं हुआ है इसलिए तलवार तो लटक सकती है वैसे भी ED का भय इतना सर्वकालिक है और मौसम में व्याप्त है कि कोई मंत्री प्रधानमंत्री के सामने विरोध कर देगा इसकी कल्पना फिलहाल संभव नहीं है
अब रही बात चयन समिति में विपक्ष के नेता की तो दो मत सरकार के होंगे विपक्ष के नेता के मत का कोई असर नहीं रह जाएगा कांग्रेस के नेता और विपक्ष की तरफ से चयन समिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि 212 नामों की सूची उन्हें 13 मार्च को दी गई इतनी जल्दी इतने नामों पर विचार करना संभव नहीं था 15 मार्च को चुनाव आयोग इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करेगा मुमकिन है उस दिन 2024 के चुनाव की घोषणा भी हो मतलब सरकार एक से एक बड़ी हेडलाइन के साथ तैयार है कई बार लगता है कि बड़ी खबर क्या होगी सरकार तय कर चुकी है पहले से इन खबरों से हर दिन हंगामा बदल रहा है विषय बदल रहा है
आप सरकार के ही हिसाब से चर्चा करते रह जाते हैं जनता की मांग को विपक्ष के मुद्दों को इन चुनावी चर्चाओं में जगह नहीं मिल पा रही है आज ही जब दो चुनाव आयुक्त नियुक्त हुए हैं एक देश एक चुनाव पर बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और 2029 में एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दे दिया है अब इस चुनाव में पिछले 5 साल का हिसाब होना था लेकिन बहस होने लगेगी कि एक साथ सभी चुनाव होने चाहिए कल तक क्या बहस हो रही थी यही कि नागरिकता कानून सबसे बेहतर रास्ता है
नासिक में आज कांग्रेस ने किसान महापंचायत का आयोजन किया एनसीपी के नेता शरद पवार और शिवसेना के संजय रावत भी शामिल हुए कांग्रेस ने आज किसानों के लिए पांच गारंटी की घोषणा की है इसे किसान न्याय गारंटी का नाम दिया गया है एमएसपी को कानून का दर्जा दिया जाएगा खेती में इस्तेमाल होने वाले सामान से जीएसटी हटा दी जाएगी कृषि उत्पादों के आयात निर्यात के लिए एक नीति लागू होगी किसानों के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे फसलों के नुकसान होने पर 30 दिनों के भीतर बीमा का पैसा सीधे खाते में चला जाएगा कांग्रेस की यह पांच गारंटी छोटी सी खबर बनकर गायब कर दी जाएगी और 2029 में एक साथ चुनाव होंगे इस पर चर्चा फैला दी जाएगी
सबसे बड़ा मुद्दा प्याज के दाम का है हैगा नेशनल मीडिया में आपने इसके बारे में कोई डिस्कशन देखी नहीं दिख सकता सबसे बड़े मुद्दे किसान के मुद्दे बेरोजगारी महंगाई अग्निवीर मैं 4000 किलोमीटर कन्याकुमारी से कश्मीर चला और 6000 किलोमीटर मणिपुर से महाराष्ट्र तक और लाखों लोगों से मिला हूं और हजारों से मैंने बात की है देश में दो तीन मुद्दे हैं सबसे बड़ा बेरोजगारी दूसरा महंगाई तीसरा भागीदारी हिंदुस्तान का धन किसको मिलता है कौन से वर्ग को मिलता है
किसानों की समस्या यह मुद्दे हैं मगर अगर आप टीवी देखें मीडिया में देखें इन मुद्दों के बारे में आपको कोई डिस्कशन नहीं दिखेगा टीवी पर कभी नहीं दिख सकता बॉलीवुड की बात होगी मोदी जी को 24 घंटा खाएंगे कभी वो समुद्र के नीचे चले जाएंगे टीवी कैमरा उनके साथ नीचे समुद्र के नीचे जाएगा उनको दिखाएगा समुद्र के नीचे पूजा हो रही है फिर उसके बाद झट से वो सी प्लेन में उड़ेंगे हवाई जहाज में जाएंगे वहां भी मीडिया उनके पीछे जाएगा फिर चाइना के बॉर्डर पे चले जाएंगे वहां मीडिया जाएगा फिर पाकिस्तान की बात होगी कोविड आएगा तो फिर थाली बजवा जाएंगे सबको एक साथ नचाए गे कोविड फैलता जा रहा है
प्रधानमंत्री हिंदुस्तान की जनता से कह रहे हैं मिलकर थाली बजाओ और मीडिया उसको 24 घंटे चला रहा है तो मीडिया का काम देश के जो युवा हैं देश की जो जनता है उसका ध्यान इधर-उधर करने का है एक तरफ विपक्ष सरकार को घेरने के लिए नाकामियों की लंबी सूची बना रहा है दूसरी तरफ सरकार विज्ञापनों की भरमार और हर दिन बदलती खबरों के जरिए चर्चाओं की जमीन घेर ले रही है पिछले 10 दिनों में सरकार की तरफ से आई तमाम बड़ी खबरों की गिनती आप करते जाइए आपको पता चल जाएगा कि यह चुनाव किस दिशा में जा रहा है और आप कहां फंसे हुए हैं नमस्कार मैं रवीश कुमार