चुनावी चंदे का भांडा फोड़ | Electoral Bond details out

नमस्कार मैं रवीश कुमार जो राम को लाए हैं इस गाने के बहाने उनको सत्ता में लाने का जो भी गाना गा रहे थे और गा रहे हैं उन सभी से मेरी गुजारिश है कि आज उनको ले आएं जो इलेक्टोरल बंड को लाए थे उनसे गाकर पूछा जाए क्यों छुप-छुप कर फिरते हो क्यों बच बच कर रहते हो यह तो बताओ तुम किस लिए लाए थे किस किस से कितना तुम छुप छुप कर खाए थे किसकिस को डराए थे किसकिस को सताए थे आओ खुलकर तुम तुम बंड को लाए थे धंधा चंदे का तुम ही तो लाए थे अब तुम ही गायब हो जब भांडा फूटा है देश को बताओ ना किसकिस ने लूटा है पूछ रहे हैं

चुनावी चंदे का भांडा फोड़ | Electoral Bond details out

सब तुमसे तुम किन्ने लुकाए हो इतना ही खाए हो या और छुपाए हो की होली में तुम कितना नहाए हो किसकिस से खाए हो किसकिस को खिलाए हो झूठ नहीं बोलो तुम राम को लाए थे सच सच कह दो तुम तुम बंड को लाए थे धंधा तुम भी खूब इस देश में चलाते हो बंड को लाए हो तो अब काहे लुकाए हो जनाब मैं मसखरी नहीं कर रहा यह मामला बहुत संगीन है वैसे आज सुप्रीम कोर्ट से स्टेट बैंक को फिर से निराशा हाथ लगी है यह इतना बड़ा घपला पकड़ाया है कि मुमकिन नहीं कि एक ही वीडियो में सारी बातों को समेट दें हम इस विषय पर कई वीडियो के साथ हाजिर होने जा रहे हैं

आप बस अपने भीतर देखने और इस फ्रॉड को समझने का धीरज पैदा कर लीजिए और हमारा लिखा गाना ध्यान से सुनिए हो सके तो गा गाकर गांव-गांव पहुंचा दीजिए भले ही हिंदी के अखबार और पत्रकार इस खबर की हत्या कर दें मगर यह वाकई दुनिया की सबसे बड़ी स्टोरी है सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनावी घपला है आप सभी का फर्ज बनता है कि इस घोटाले को गांव-गांव तक और जन-जन तक पहुंचाएं इस वीडियो को अपनी हाउसिंग सोसाइटी के ग्रुप में जरूर शेयर करें

क्या देश के लिए आप एक ने बॉन्ड का यूनिक नंबर नहीं दिया जिसे मिलाकर साबित किया जा सकता था कि इतने करोड़ का बॉन्ड किस पार्टी ने भुनाया है और उस बॉन्ड को किस कंपनी ने खरीदा था आज सुप्रीम कोर्ट ने यह कांटा भी दूर कर दिया
(02:46) और कह दिया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को यूनिक नंबर देना होगा तो अब इसी के साथ किसका पैसा किसे मिला सब साबित हो जाएगा और आपको बहुत कुछ जानने का मौका मिलेगा यह बहुत बड़ा फैसला है और बार-बार नाक कटवाने पर तुले स्टेट बैंक को बहुत बड़ा झटका लगा है यह कैसा बैंक है मतलब कसम ही खाकर बैठा है कि लोग चाहे कुछ भी कहं बस मालिक नाराज ना हो हद हो गई याचिका चुनाव आयोग की थी डांट पड़ गई स्टेट बैंक को जब अच्छे दिन आते हैं तो यही सब होता है बार-बार जुगाड़ निकाला जा रहा है कि किसी तरह कुछ भी छिपा लें सब ना बताएं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने
(03:28) मार्च 2018 से मार्च 2019 के बीच का डाटा नहीं दिया है क्योंकि इस बारे में कोर्ट का आदेश नहीं था यह कहा है यह करीब 000 करोड़ का मामला है जो आंकड़े दिए गए हैं व केवल 1 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच के हैं 12516 करोड़ के बॉन्ड इस दौरान खरीदे गए इसमें से 6000 करोड़ से भी अधिक की राशि कुल 20 दानदाताओं ने खरीदी है यूनिक नंबर आते ही राजनीतिक संबंध तेजी से स्थापित किए जाने लगेंगे वैसे भी छपी छापों और संबंधों की खबरें काफी कुछ बता रही हैं कौन किसके करीब है किसी का पता चल रहा है कि पहले छापे पड़े फिर उसने बॉन्ड खरीदे
(04:15) किसी ने बॉन्ड खरीदा तो उसे सरकार ने बाद में ठेका दिया भारत में 16 लाख से अधिक रजिस्टर्ड कंपनियां हैं और इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली मात्र 1300 यह नंबर भी बताता है कि मुट्ठी भर लोगों का सत्ता के केंद्र से कितना गहरा असर हो गया है अब आप इसे देखिए इसमें कई बुलबुले बने हैं कुछ बड़े बुलबुलों को देखिए सबसे बड़ा गोला फ्यूचर गेमिंग का है जिसने सबसे अधिक 1368 करोड़ के बॉन्ड खरीदे इसके बाद मेघ इंजीनियरिंग का बबल है जिसने 966 करोड़ के बॉन्ड खरीदे गुलाबी रंग में हल्दिया एनर्जी का बुलबुला है जिसने 367 करोड़ का बॉन्ड खरीदा उससे छोटा बुलबुला विदांता
(04:58) ग्रुप का है जिसने 3 76 करोड़ का बॉन्ड खरीदा वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन ने 220 करोड़ भारतीय एयरटेल ने 198 करोड़ और केवेंटर फूड पार्क ने 195 करोड़ का चंदा दिया बॉन्ड खरीदा इसके अलावा इस तस्वीर में कई छोटे-छोटे बुलबुले आपको नजर आ रहे हैं इनकी कहानी अभी सामने नहीं आई है बड़े-बड़े बुलबुलों को देखकर आपको लगेगा कि इनकी संख्या बहुत कम है यानी 16 लाख कंपनियों में बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों की संख्या 1300 और इसमें से भी जो बड़ी राशि देने वाली कंपनियां हैं उनकी संख्या मुश्किल से 20 या 50 भी नहीं यह बुलबुले बता रहे हैं कि सत्ता के गलियारे में
(05:44) मुट्ठी भर लोगों का राज रहता है इसे ही सत्ता और धन का केंद्रीकरण कहते हैं किसी संदर्भ में ओलिगार्की कहते हैं तो किसी संदर्भ में ककस प्लूटो क्रेसी क्लेप्टोक्रेसी का भी इस्तेमाल होता है कुल मिलाकर धनिक और भ्रष्ट लोगों का तंत्र है ये सबसे अधिक बॉन्ड खरीदने वाली वह कंपनियां हैं जिनका सरकार के बिना काम नहीं चल सकता खनिज धातु टेलीकॉम ड्रग्स फार्मा सेक्टर के लिए काम करने वाली कंपनियां जिन्हें लाइसेंस की जरूरत पड़ती है ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग के हैं तो सरकार से प्रोजेक्ट चाहिए इस पाई चार्ट से आप साफ-साफ समझ जाते हैं कि
(06:22) सबसे ज्यादा चंदा बीजेपी को मिला है और उसी का बड़ा हिस्सा दिख रहा है उसके बाद तृणमूल कांग्रेस है और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राजनीतिक दलों में भी कुछ ही को पैसे मिले हैं मतलब यह हुआ कुछ कंपनियां ज्यादा चंदा देकर अपने लिए बड़ी राहत लेती हैं दूसरी कंपनियों को मैदान से बाहर कर देती हैं चंदा जाता है बीजेपी को और एक दो अन्य दलों को इस तरह बाकी दल कमजोर हो जाते हैं एमआईटी के प्रोफेसर द्वैपायन बैनर्जी ने हमारे लिए यह ग्राफिक्स बनाए हैं हम आभारी हैं इसी खेल को समझना है चंद कंपनियों का राज रहेगा एक ही पार्टी का आज रहेगा फायदा किसका होगा सबसे अधिक बॉन्ड
(07:04) खरीदने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग है यह कंपनी तब तब ज्यादा चंदा देती है यानी बॉन्ड खरीदती है जब इसके यहां आयकर और ईडी के छापे पड़ते हैं यह कौन सी पारदर्शिता है कि जिस कंपनी के यहां फ्रॉड की जांच होती है वह बॉन्ड खरीदने लग जाती है मतलब भाई अपना है तो बहुत उस्ताद कलाई दबाकर मुट्ठी खुलवा देता है यह टेक्निक या टेक्टिस अपने पाले के लोगों के साथ भी आजमाई गई है और अपने पाले में लाने के लिए भी आजमाई गई है आप कहेंगे पर इलेक्टरल बंड से तो आपको भी फायदा हुआ बीजेपी को 6000 करोड़ रुपया मिला और आपको 1400 करोड़ रुपया मिला यह बात सही है
(07:48) हम इनको इंकार नहीं कर सकते हम पीछे भाग नहीं सकते पर एक बात मैं आपको याद दिला दूं ईडी सीबीआई इनकम टैक्स हमारे हाथ में नहीं है हम किसी को धमकी नहीं दे सकते डर डरा नहीं सकते और दूसरी बात हम बड़े बड़े 10 साल से हम सत्ता में नहीं है बड़े-बड़े हाईवे प्रोजेक्ट बड़े बड़े पावर प्रोजेक्ट बड़े-बड़े बंदरगाहों के प्रोजेक्ट बड़े-बड़े एयरपोर्ट हवाई अड्डों के प्रोजेक्ट हम नहीं दे रहे हैं मोदी की सरकार दे रही है तो हम इस स्थिति में नहीं है कि हम कांट्रैक्ट दे सके या कोई पब्लिक सेक्टर कंपनी को बेच सके या ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करके
(08:46) धमकी देकर उनसे हफ्ता वसूली कर सके यही है बीजेपी और कांग्रेस के बीच में अंतर उनको 6000 करोड़ रुपया मिला है यह एक एक ही रास्ता है कुछ नाम इस लिस्ट में नहीं है व अलग-अलग तरीके से उन्होंने बीजेपी को चंदा दिया होगा वही जानते होंगे पर यह कहूंगा मैं कि चुनाव शुरू करने के पहले ही बीजेपी ने एक सर्जिकल स्ट्राइक किया है कांग्रेस के खिलाफ 2019 में आपको याद होगा सर्जिकल स्ट्राइक 2024 का सर्जिकल स्ट्राइक क्या है खाता बंदी बीजे हमारे खातों को उन्होंने ठंडे बक्से में डाल दिया हम हमारे बैंक अकाउंट ऑपरेट नहीं कर सकते और हमें आर्थिक रूप से अपंग बनाने की
(09:53) संयंत्र रचाई गई है कई कंपनियों के बारे में पता चल रहा है कि पहले छापा पड़ा फिर बॉन्ड खरीदे गए फिर कुछ ऐसी भी कंपनियां हैं जिन्होंने बॉन्ड खरीदा तो सरकार का ठेका मिल गया इलेक्टोरल बंड के पैटर्न को देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों धर्म पर इतना जोर देते हैं क्यों वे इस मसले पर नहीं बोल रहे हैं ताकि आप उनसे इन सब मसलों पर सवाल ना कर सकें आपके मन में जब भी सवाल पैदा हो वह आपको किसी मंदिर में दर्शन करते हुए या ध्यान करते हुए दिखाई दे जाएं ताकि आपका मन बदल जाए और लगे कि कितने सच्चे मन से भक्ति कर रहे हैं कहां
(10:36) समय होगा इनके पास 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया 15 मार्च हो गया इलेक्टोरल बॉन्ड आपके सामने है एक बार भी प्रधानमंत्री ने इस विषय पर नहीं बोला इसीलिए यह सवाल उठ सकता है कि क्या वे इससे बचने के लिए धर्म का सहारा लेते हैं ताकि इस तरह के मुद्दों पर जनता को जवाब देने की नौबत ना आए अपने आप को लगातार मंदिरों के फ्रेम में रखते हैं ताकि आपको याद ही ना रहे कि वे प्रधानमंत्री हैं और उनसे सरकार के काम का हिसाब किताब लेकर आपको सवाल पूछने हैं थोड़ा धीरज रखिए अब सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि बंड के साथ यूनिक नंबर देना होगा तो इससे पता चल
(11:18) जाएगा कि किसका पैसा किसकी जेब में गया अब आपको मिलाते हैं चंदा देने वाले सबसे बड़े कैरेक्टर सेंटिया ग मार्टिन से बताइए तो जिस बीजेपी को खुद प्रधानमंत्री 2000 चंदा देते हैं ₹ ज का चंदा उस बीजेपी को यह कौन लोग हैं जो करोड़ों रुपए का चंदा दे रहे हैं क्या वे बीजेपी को प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से ज्यादा प्यार करते हैं अमित शाह ने भी 2000 का चंदा दिया है वैसे अभी साबित नहीं हुआ है कि मार्टिन ने 1368 करोड़ के बॉन्ड बीजेपी के लिए ही खरीदे मगर पैटर्न से बहुत कुछ पता चल जाता है यह मार्टिन है कोयंबटूर का
(11:58) सेंटिया ग मार्टिन म्यानमार से आकर भारत में लॉटरी का धंधा चालू करता है गरीब लोगों को रातों-रात अमीर बनाने का सपना बेचता है पैसा कमाता है 2019 से 2024 के बीच इस कंपनी पर आयकर और ईडी और सीबीआई के छापे पड़ते हैं मनी लरिंग का मामला चलता है 2 अप्रैल 2022 को मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड की 409 करोड़ की चल संपत्ति जबत कर ली जाती है और पाच दिनों के बाद यही कंपनी 100 करोड़ का बॉन्ड खरीदती है इसके खिलाफ मनी लरिंग का मामला है जिसके आरोप में ना जाने कितने राजनेताओं को जेल में डाल दिया गया कितनों को अपनी पार्टी
(12:38) तोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया और कितनों को डराकर उनसे अपनी ही पार्टी की सरकार गिरवा दी गई लेकिन यह मार्टिन 2019 से 2024 के बीच 1368 करोड़ का बॉन्ड खरीदता है लॉटरी के कारोबार से जुड़ी कंपनी ने 1000 करोड़ से अधिक का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा बॉन्ड खरीदने में यह कंपनी देश में नंबर वन है इसके पास चंदा देने के लिए 1000 करोड़ का फंड कहां से आया यह अपने आप में जांच का विषय होना चाहिए मगर सवाल बीजेपी से होना चाहिए कि क्या बीजेपी ने मार्टिन की कंपनी से चंदा लिया है अभी तक जितनी जानकारी आई है उससे चंदे का राजनीतिक दल से संबंध सीधे-सीधे स्थापित
(13:23) नहीं किया जा सकता क्योंकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने यूनिक कोड नंबर नहीं दिया है मगर मीडिया में उपलब्ध कई जानकारियां और खबरें राजनीतिक दलों से संबंध के बारे में इशारा कर रही हैं निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री हैं यहां वे लॉटरी कारोबार से जुड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से मिल रही हैं 2 अप्रैल 2023 को वित्त मंत्री के कार्यालय ने खुद ही यह तस्वीर ट्वीट की है वित्त मंत्री से मिलने वालों में जॉज मार्टिन भी हैं उन्होंने वित्त मंत्री के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए खुद ही यह कहा है वित्तमंत्री को धन्यवाद दिया है कहते हैं कि लॉटरी का बाजार भारत में खुलना
(14:00) चाहिए इससे 5 करोड़ रोजगार पैदा होंगे भारत सरकार को सवा करोड़ से अधिक की जीएसटी मिलेगी यह खबर 2015 की है और इंडियन एक्सप्रेस की सैंटियागो मार्टिन का बड़ा बेटा चार्ल्स जॉज मार्टिन बीजेपी में शामिल हुआ है एक साधारण से कार्यक्रम में इसे बीजेपी में शामिल कराया गया रिपोर्ट में लिखा है कि चार्ल्स मार्टिन ने तीन महीने पहले भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई थी 2014 में जिस दौरान सैंटियागो मार्टिन 8 महीने के लिए जेल में था उसके खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट दर्ज की जा रही थी उसी समय उसकी पत्नी प्रधानमंत्री मोदी के साथ कोयंबतूर में मंच साझा कर रही थी
(14:41) बताइए आखिर प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए व्यक्ति की पत्नी के साथ मंच पर क्यों थे या उनकी पत्नी प्रधानमंत्री के साथ मंच पर क्यों थी रिपोर्ट में लिखा है कि इसने सिक्किम सरकार को 4500 करोड़ का चुना लगाया है इस रिपोर्ट में भाजपा प्रवक्ता का बयान छपा है है कि चार्ल्स के पिता पर स्कैम के आरोप हैं मगर वह नाइस आदमी है नाइस और मोदी जी और पार्टी का बहुत आदर करते हैं इंडियन एक्सप्रेस ने केरल की राजनीति का एक प्रसंग विस्तार से लिखा है कि मार्टिन ने सीपीएम के मुखपत्र देशा भिमानी को 2 करोड़ का दान दे दिया इसे लेकर पार्टी में भारी विरोध हुआ
(15:22) मुखपत्र के जनरल मैनेजर को हटा दिया गया और विजयन गुड को यह पैसा लौटाना पड़ा मार्टिन ने डीएम के नेता करुणानिधि की लिखी एक फिल्म को भी प्रोड्यूस किया है मार्टिन के राजनीतिक रिश्ते रहे हैं उसका कारोबार कई राज्यों में फैला है केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस आइजक ने ट्वीट किया है कि मार्टिन की फ्यूचर गेमिंग और लॉटरी ने बीजेपी को 1368 करोड़ रपए दिए हैं इस कंपनी ने सिक्किम में मेरे खिलाफ मान हानी के दो मुकदमे दायर किए हैं क्या इन चंदों का संबंध लॉटरी पर जीएसटी रेट घटाने से रहा होगा मार्टिन की कहानी विचित्र है मार्टिन का बेटा चार्ल्स
(15:57) मार्टिन 2015 से बीजेपी में है लेकिन अक्टूबर 2023 तक ईडी का रेड पड़ रहा है मई 2023 में भी 457 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई और यह जनवरी महीने में बॉन्ड खरीदती है कंपनी क्या यह माना जाए कि जब भी इससे चंदा लेना होता है ईडी रेट बढ़ा देती है और कंपनी बॉन्ड के रेट बढ़ा देती है अक्टूबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच यह कंपनी 13 करोड़ के बॉन्ड खरीदती है अब आप इस चार्ट को देखिए इसमें आपको पता चलेगा कि एक साल में किस महीने में कितने का बॉन्ड खरीदा गया अक्टूबर 2020 में 150 करोड़ का बॉन्ड मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग खरीदती है 2021 में यही कंपनी तीन
(16:43) बार 109 करोड़ 30 करोड़ और 195 करोड़ के बॉन्ड खरीदती है एक साल में करीब 334 करोड़ का बॉन्ड खरीदती है इतना पैसा इसके पास कहां से है इसी का है या किसी और का पैसा घूम फिर कर रहा है 2022 की जनवरी में 210 करोड़ का बॉन्ड यह कंपनी खरीदती है 3 महीने बाद यह अप्रैल 2022 में फिर से ₹1 करोड़ का बॉन्ड खरीदती है फिर उसी साल जुलाई में 75 करोड़ और अक्टूबर में 105 करोड़ दिसंबर में जाकर 10 करोड़ के बॉन्ड खरीदती है इस तरह 2022 में 500 करोड़ के बॉन्ड खरीदती है फ्यूचर गेमिंग 2022 में यूपी का चुनाव हुआ था उसके साथ उत्तराखंड पंजाब हिमाचल और गुजरात में भी चुनाव हुए
(17:31) थे यह तो आपको जानना ही पड़ेगा कि इतना पैसा इस कंपनी के पास चंदा देने के लिए कहां से आ रहा है यह कंपनी किस पार्टी को पैसा दे रही है क्या आपको अब भी लगता है कि घोटाला नहीं होगा उगाही का सिस्टम चल रहा है एक कंपनी पर छापे पर छापे पड़ रहे हैं और वही कंपनी करोड़ों के बॉन्ड खरीद रही है मतलब क्या अंकिल के चक्कर में आपने अपना दिमाग बिल्कुल ही बंद कर दिया है रॉयटर्स में कृष्ण कौशिक की रिपोर्ट छपी है इसमें प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट के बारे में बताया गया है जिसने 2013 से करीब 272 मिलियन डॉलर की राशि का जुटान किया है और इसका 75 प्र भाजपा को दिया है यानी
(18:15) करीब 00 करोड़ रुपए कांग्रेस को जितना दिया है उससे 10 गुना भाजपा को 2013 में कांग्रेस सरकार ने ही ऐसे इलेक्टोरल ट्रस्ट की स्थापना की ताकि राजनीतिक दलों को चंदा देने में टैक्स की छूट मि सके इलेक्टोरल ट्रस्ट के मामले में भी पारदर्शिता के सवाल उठे हैं इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रस्ट को कंपनी से पैसा मिलता है और उसके बाद ट्रस्ट अपने नियमों के अनुसार किसी भी पार्टी को चेक जारी कर देता है इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि फ्यूचर गेमिंग ने 23 और 24 मार्च को प्रूडेंट ट्रस्ट को 50-50 करोड़ के दो चेक दिए उसी दिन ट्रस्ट ने ठीक इतनी
(18:53) ही राशि के चेक भाजपा के नाम इशू कर दिए तो मार्टिन ने इस ट्रस्ट को 100 करोड़ का चंदा दिया जिस ट्रस्ट के जरिए दिया उस ट्रस्ट ने 75 प्र राशि केवल बीजेपी को दी और यह राशि 1600 करोड़ की है इससे तो अंदाजा मिल जाता है कि मार्टिन का 100 करोड़ या तो पूरा का पूरा बीजेपी को गया या फिर 75 करोड़ बीजेपी को गया इलेक्टोरल बॉन्ड की तरह इलेक्टोरल ट्रस्ट एक और घपला है जिसे समझने की जरूरत है लेकिन हमारा सवाल 1368 करोड़ के इलेक्टोरल बंड पर है जिसे मार्टिन की कंपनी ने खरीदा तब खरीदा जब आईटी सीबीआई ईडी के रेट चल रहे थे क्या सारा ही पैसा बीजेपी को गया स्टेट बैंक ऑफ
(19:36) इंडिया जैसे ही यूनिक कोड नंबर देगा या स्थापित हो जाएगा तब स्थिति और भी साफ हो जाएगी आप सवाल कर सकते हैं कि क्या बीजेपी को किसी भी रूप में पता था कि मार्टिन की जिस कंपनी पर ईडी का रेड चल रहा है उसने पार्टी को चंदा दिया है कंपनी भी तो नड्डा जी के कान में बता सकती है हमने आपके लिए 1368 करोड़ का बंड खरीद लिया है कई तरह के संयोग इस तरह से मिल रहे हैं कि बीजेपी को एकदम अनजान और अलग जानना संभव नहीं दिसंबर 2021 में मीडिया में कई जगह खबरें छपी हैं कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सैंटियागो मार्टिन ने बीजेपी को 100 करोड़ का चंदा
(20:16) दिया तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केएस अलागिरी ने ट्वीट कर कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले मार्टिन ने भाजपा को 100 करोड़ का चंदा दिया इसकी सीबीआई जांच हो उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि अप्रैल 2019 में आयकर विभाग ने मार्टिन की कंपनी और ठिकानों पर लगातार 4 दिनों तक छापेमारी की 6 करोड़ की नगदी और 24 करोड़ का हीरा और सोना जब्त हुआ 2011 में सीबीआई ने मार्टिन के खिलाफ 30 केस दर्ज किए थे मार्टिन पर सिक्किम सरकार को 4500 करोड़ का धोखा देने का मामला है और 2011 में जमीन धांधली के मामले में जेल में रह चुका है अलागिरी ने सवाल किया कि ऐसे व्यक्ति
(20:57) द्वारा 100 करोड़ दिए जाने के बदले में मोदी सरकार ने इससे क्या वादे किए हैं बेहतर है बीजेपी तुरंत खुद सफाई दे दे बताएं कि मार्टिन की कंपनी से किसी भी रूप में पैसा लिया था या नहीं ईडी और आईटी के मामले में प्रभावित करने की क्षमता केवल केंद्र सरकार को ही है दो सवाल उठते हैं क्या यह छापे चंदे की जबरन उगाही के लिए डाले जाते रहे या फिर छापे के बाद जान बचाने के लिए चंदा देने का रास्ता निकाल लिया गया क्या बीजेपी अब गर्व के साथ अपने पोस्टर में बता सकती है कि हम मोदी हैं मार्टिन ने हमें चंदा नहीं दिया मोदी और मार्टिन के बीच कोई रिश्ता नहीं है मार्टिन गरीब
(21:41) लोगों को रातों-रात अमीर बनाने का सपना बेचता है मोदी अच्छे दिन लाने का सपना बेचते हैं ईडी के मामले में प्रभावित करने की क्षमता केवल केंद्र सरकार को है और सरकार में किसे है यह आप जानते हैं एक पार्टी को क्या उस कंपनी से पैसा लेना चाहिए जिस पर उसी की सरकार में ईडी की जांच चल रही हो बेहतर है मोदी मार्टिन का राज बता दें या मार्टिन मोदी जी का एक तरीका और है विपक्षी पार्टियां खुद से बता दें कि उन्हें किस-किस ने चंदा दिया ऐसा करने से साफ हो जाएगा कि बीजेपी को किसने और कितना चंदा दिया वैसे अब जैसे ही यूनिक नंबर आएगा यह साफ हो ही जाएगा बीजेपी
(22:22) दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है उसे इस मामले में बोलना चाहिए कि मनी लरिंग के केस में फसी कंपनी से उसने चंदा नहीं लिया है अगर ले लिया है तो हम राम को लाए हैं हम पैसा लौटाए मार्टिन का पैसा है मार्टिन को लौटाए अब आते हैं हेट्रो फार्मा पर हैदराबाद की कंपनी है 7500 करोड़ की कंपनी बताई जाती है इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट है अक्टूबर 2021 की आयकर विभाग हेट्रो फार्मा पर छापे मारता है 500 करोड़ रपए के अघोषित आय का पता चलता है 142 करोड़ का कैश बरामद होता है इस कंपनी ने छापा पड़ने के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे यह वो कंपनी है जो रेम डेस वियर भी बनाती थी इस कंपनी
(23:05) ने अप्रैल 2022 में 40 करोड़ जुलाई 2023 और अक्टूबर 2023 में 1010 करोड़ का बॉन्ड खरीदा यानी कुल 60 करोड़ का चंदा दिया कई कंपनियां हैं जिन पर छापे पड़े हैं तब उन्होंने इलेक्टोरल बंड खरीदे क्या यह सवाल गलत है कि इन छापों का इस्तेमाल वसूली के लिए हो रहा था आप ही सोचिए जिस पर छापा पड़ेगा क्या वह नाचते गाते डांस करते हुए सरकार की पार्टी को करोड़ों रुपए का चंदा देगा ईडी और आईटी के इस्तेमाल से राजनीति में विधायकों और सांसदों की उगाही की गई मतलब दूसरे दल से तोड़कर नेता लाए गए बिजनेस की दुनिया में आईटी और ईडी के इस्तेमाल से धन की उगाही की गई गोदी
(23:50) मीडिया का एक चैनल है उसकी मेन कंपनी भी है इस लिस्ट में 966 करोड़ का बॉन्ड खरीदने वाली यह वह कंपनी है जिसे बॉन्ड खरीदने के के बाद 14000 करोड़ का ठेका मिलता है मामला बहुत व्यापक है इसलिए दूसरे वीडियो का इंतजार कीजिए और एक बार सोचिए कि धर्म और राष्ट्र के नाम पर आप बेवकूफ बना दिए गए मुझे आपसे सहानुभूति है अगर आप रोना चाहते हैं तो मेरा कंधा आपके लिए हाजिर है नमस्कार मैं रवीश कुमार

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