सजदे में झुके व्यक्ति को क्यों लात मारी दिल्ली पुलिस के अफ़सर ने?
नमस्कार मैं रवीश कुमार यह वीडियो ऐसा है कि एक मन कहता है इसे ना दिखाएं मगर इसके बाद भी मन ही मन शर्मिंदा हो जा रहा हूं कि इस देश में मुसलमानों के प्रति नफरत का तक पहुंच गई है इस वीडियो को दिखाने से पहले आपसे गुजारिश है कि इसे आप गुजरती हुई एक ट्रेन की तरफ देखिए नफरत की यह ट्रेन भी इस देश से एक दिन गुजर जाएगी इसे लेकर ना तो उत्तेजित होने की जरूरत है और ना ही हताश जिस राजनीति ने ऐसा करने का यह साहस दिया है उसकी सफलता के हर चांद पर यह वीडियो एक दाग है यह वीडियो दिल्ली के इंद्रलोक का बताया जाता है लोग नमाज पढ़ रहे हैं सजदे में है और पीछे से चौकी
(01:02) इंचार्ज आकर लात मारता है दिल्ली में या देश में सड़क पर हर महीने कोई ना कोई धार्मिक गतिविधि होती रहती है चंद मिनटों की नमाज को लेकर राजधानी दिल्ली में कभी ऐसी दिक्कत नहीं आई मगर सांप्रदायिकता का जहर इतना भर गया है कि अब पुलिस के अफसर भी लात मारने लगे हैं चौकी इंचार्ज ने दिल्ली पुलिस को शर्मसार कर दिया है दिल्ली पुलिस के उत्तरी क्षेत्र के डीसीपी मनोज मीणा ने कहा है कि वीडियो में पुलिस अधिकारी जानबूझकर लात मार रहा है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है लात मारने वाले को निलंबित कर दिया गया है चौकी इंचार्ज का नाम मनोज कुमार तोमर है
(01:42) उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है थोड़ी नीचे कर लो सब लोग सर जो वीडियो वायरल हुआ था उसके बाद से हंगामा था लोगों की नाराजगी थी क्या कुछ कारवाई हुई आपकी तरफ से पुलिस जिन लोगों के वीडियो वायरल हो रहे थे जिन पुलिस कर्म अभी आज नमाज के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था उस वीडियो में जो भी हमारे पुलिस वाले थे उनके खिलाफ डिसिप्लिन एक्शन लिया गया है सस्पेंशन का ऑर्डर निकल गया है उनको सस्पेंड कर दिया गया है और आगे कारवाई भी की जाएगी जो लोग इकट्ठे हुए थे उनको समझाया गया कि जो जिसने गलती की उसके खिलाफ एक्शन लिया गया है और हमारे जो
(02:23) लोकल निवासी हैं लोकल यहां के लोग हैं उनके साथ मिलकर उन लोगों को समझाया गया है अब यहां से ज्यादातर लोग जा चुके हैं ये बात समझाने के बाद मस्जिदों से भी ऐलान कराया गया कि एक्शन ले लिया गया है और अब सिचुएशन यहां पे नर्मल है सर जनता के लिए क्या अपील है जनता के लिए क्या कहना चाहेंगे सर अभी जो हमें यहां की पीस एंड टैक्लिंक रखनी है और यहां के जितने भी लोकल लोग हैं वो हमारे साथ है और हम उन लोकल लोगों के साथ है और हम सब साथ मिलके यहां की पूरी जो शांति शांतिपूर्ण व्यवस्था है उसको मेंटेन कर सर सस्पेंड कितने पुलिस कर्मीं को किया गया अभी जो
(02:59) चौकी इंचार्ज है को सस्पेंड कर दिया गया जो वीडियो में दिख रहे हैं जो वीडियो में दिख रहे थंक थैंक यू सर लीगल कारवाही काफी नहीं है निलंबित करना भी काफी नहीं है जिस सोच ने चौकी इंचार्ज से यह काम करवाया है वह सोच पूरी तरह राजनीतिक है उस राजनीति ने उस पुलिस वाले के मन में जहर भरा हम सभी जहर को अच्छी तरह जानते हैं यह जहर बड़े-बड़े घरों की बीवियों और बच्चों को दंगाई बना चुका है स्कूल के टीचर से लेकर अस्पतालों में डॉक्टरों के इसी जहर को फैलाया जा रहा है मैं यह सोचना ही नहीं चाहता कि उनके बीच इस वीडियो को लेकर क्या प्रतिक्रिया होगी मैं अपनी बात
(03:39) बताना चाहता हूं कि यह बेहद शर्मनाक है किसी को भी शर्म आनी चाहिए कोई सजदे में है आप पीछे से आकर लात कैसे मार सकते हैं क्या दिखाना चाहते हैं अबू धाबी में जाकर मंदिर का उद्घाटन करते हैं और यहां अखबारों में खबर छपवा हैं कि भारत की प्रतिष्ठा वहां तक पहुंच रही है हमारे मंदिर बन रहे हैं लेकिन अपने देश में नमाज पढ़ने वालों के साथ ऐसा बर्ताव होता है क्या आप यह समझते हैं कि वर्तमान की आंखें नहीं होती हैं इतिहास के आंख और कान नहीं होते हैं यह सब कहीं भी दर्ज नहीं हो रहा मुझे पता है कि लोग क्या-क्या कहेंगे देख भी रहा हूं कि
(04:30) इस तरह की भीड़ नहीं होती और होती है तो वह मंदिर और गुरुद्वारे से छलक कर बाहर नहीं आती क्या सड़कों पर लंगर नहीं लगते हैं उन्हें हटाया जा सकता है उनकी व्यवस्था भी होती है मगर लात मारने का क्या दुख है और इतना गुस्सा किस बात का कि आप किसी को लात मारने लग जाएं दिल्ली पुलिस ने लात मारने वाले अफसर के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है निलंबित कर दिया है लोगों को भी अपने गुस्से को काबू में रखना चाहिए आए दिन एक समुदाय को उकसाने का प्रयास प्रस हो रहा है चुनाव भी आ रहा है तरह-तरह के बयान दिए जाएंगे ताकि ध्रुवीकरण हो कोई गुस्से में कुछ कह दे और
(05:07) कोई फार्मूला बचा नहीं है वोट पाने के लिए लेकिन इसकी कीमत कितनी बड़ी है यह जहर एक पक्ष को गुंडा बना रहा है और दूसरे पक्ष को हताशा और हीन भावना से भर रहा है इसीलिए इस वीडियो को और इस घटना को आक्रोश के साथ मत देखिए अफसोस के साथ देखिए आप तर्कों और झूठी दलीलों से इस कार्य को सही नहीं ठहरा सकते यह ट्रैफिक की समस्या का निदान नहीं है एक समुदाय को लगातार अपमानित करने की अंतहीन प्रक्रिया का हिस्सा है उसे यकीन दिलाने की कोशिश है उसका विश्वास तोड़ देने की कोशिश है कि आपका अस्तित्व आपकी पहचान की रेखा मिट चुकी है अपराधी का नाम अल्पसंख्यक निकल
(05:50) जाए आप देखिए गोदी मीडिया की भाषा कैसे बदल जाती है अखबारों की हेडलाइन पहले पन्ने पर चीखने लग जाती है इस भाषा और ज र का कहीं तो असर होता ही होगा वही आज आपने देखा है और इस पुलिस अफसर ने गुस्से में लात मार दी उसे अच्छी तरह पता है कि समाज का एक बड़ा वर्ग उसके साथ खड़ा हो जाएगा और वह शायद बचा भी लिया जाए बात नमाज की नहीं है कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं आप ग में इतना लिख दीजिए मुस्लिम मेड टू चैट जय श्रीराम आपको मध्य प्रदेश के उज्जैन यूपी के बुलंद शहर गाजियाबाद कर्नाटका के को बीदर राजस्थान के भीलवाड़ा अलवर और मुंबई से खबरें मिल जाएंगी ऐसी घटनाएं आ
(06:36) ही जाती हैं कि कोई किसी को घेर ले रहा है और कहलाने लग जाता है कि जय श्री राम बोलो इसके विरोध की जगह छुप रहने वाले ही दिल्ली के इंद्र लोग की इस घटना को सही ठहराने की दलीलें निकाल रहे हैं बोल रहे हैं तरह-तरह से सही ठहरा रहे हैं कि सड़क पर नमाज क्यों पढ़ी जा रही है कुछ ने लिख दिया लात क्यों मारी नमाज से ही उठा देते इस दिल्ली में ट्रैफिक जाम के अपने कारण है लोग बहुत आराम से सहनशीलता के साथ लंबे-लंबे जाम को झेलते हुए जाते हैं कोई कार से उतरकर सामने वाली कार में बैठे चालक को लात नहीं मारता प्रगति मैदान टनल में जब तब मरम्मत के कारण जाम लग जाता है
(07:18) कोई किसी को लात नहीं मारता है लेकिन इस वीडियो में आप पुलिस अफसर को लात मारते हुए देख रहे हैं आप किसी को वैसे भी लात नहीं मार सकते लेकिन यहां कोई सजद में बैठा है वैसे ही वह अपने खुदा के आगे झुका हुआ है ऐसे क्षण में वही लात मार सकता है जो दिन भर इस तरह की बातों के बारे में आप भूल गए चेतन सिंह ट्रेन में जा रहा था रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स का सिपाही हाथ में बंदूक मगर दिमाग में जहर भर गया उसने गोली चला दी और उनकी हत्या कर दी दो मुसलमान मारे गए और अपने सीनियर की भी हत्या कर दी जब चेतन सिंह पकड़ा गया तो मीडिया पहले ही
(08:19) बहाने बनाने लग गया कि मानसिक रूप से बीमार है मगर सारा सच जल्दी सामने आ गया कि बीमारी मानसिक नहीं राजनीतिक थी जिस राजनीति ने भीतर भीतर उसे मुसलमानों से नफरत करना सिखा दिया आज चेतन सिंह का परिवार कितना बिखर गया होगा और चेतन सिंह फालतू में जेल में बंद है हत्यारा बन चुका है शाहीन बाग में तो धरना चल रहा था वहां तो नमाज नहीं हो रही थी मगर कपिल गुर्जर पिस्टल लेकर आ गया हिंदू राष्ट्र के नारे लगाने लगा और गोली चला दी कुछ समय बाद चेतन सिंह ने भी गोली चला दी और हत्या कर दी कपिल गुर्जर का जगह-जगह स्वागत होता है चेतन सिंह जेल में है आप ऐसे भी देखिए कि
(09:00) यह राजनीति हर जगह हर तरह की जहर चेतन सिंह को दंगाई और हत्यारा बनाने में लगी हुई है उसका घर भी जला गई क्या आप इसे भी सही ठहरा देंगे सांप्रदायिकता पुलिस के भीतर तेजी से पसर की जा रही है 2022 की एक घटना है गुजरात के खेड़ा की चार पुलिस वाले पांच मुसलमानों को खंबे से बांधकर मारने लगे जैसे कोड़े बरसाए जाते हैं अक्टूबर 2023 में गुजरात हाई कोर्ट ने इन चार पुलिस वालों को 14 दिनों की जेल की सजा सुना दी अपील लेकर पहुंच गए सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच सुनवाई कर रही थी बात इसी जनवरी 2024 की है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि
(09:45) उनका यह काम बेहद निंदनीय और अस्वीकार्य है जस्टिस बीआर गवई ने पूछा था कि पुलिस को ऐसा करने की हिम्मत कहां से आती है उन्होंने पुलिस अफसरों को सजा सुनाते हुए कहा कि जाइए जेल का मजा लीजिए और अपने ही अफ सरों के मेहमान बनकर रहिए अभी हाल ही में गोदी मीडिया के चार एंकों को न्यूज़ चैनलों की संस्था एनबी डीएसए ने दंड दिया यह सब इसलिए बता रहा हूं ताकि आप नफरत को समग्रता से देख सकें बार-बार याद रखें कि किस तरह से एंटी मुस्लिम कार्यक्रमों के जरिए घृणा फैलाई गई घृणा फैलाने वालों को दंड मिल रहा है तो बेहतर है अब आप भी संभल
(10:25) जाइए सुधीर चौधरी हिमांशु दीक्षित अमन चोपड़ा अम देवगन इनके कार्यक्रमों में पाया गया कि यह मुसलमानों के प्रति झूठ और नफरत फैला रहे हैं चैनलों के नाम क्या हैं रिपब्लिक भारत आज तक न्यूज़ 8 इन इंडिया किसी एंकर पर 50000 का जुर्माना लगा किसी पर 1 लाख का सभी से कहा गया कि एक सप्ताह के भीतर अपना-अपना वीडियो डिलीट कर दें इसलिए कहा कि दिल्ली पुलिस को गंभीर प्रयास करने होंगे हम समझते हैं कि पुलिसिंग के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने में बहुत कुछ हो जाता है मगर जो वीडियो हमारे सामने है उस वीडियो में साफ दिख रहा है कि लात मारने की कोई जरूरत नहीं थी
(11:06) नमाजी सजदे में थे कोई हल्ला हंगामा नहीं हो रहा था तरह-तरह की दलील देकर आप माहौल बना सकते हैं सोशल मीडिया में अपने पक्ष में आप माहौल गर्म कर लीजिए मगर पता सबको है कि पुलिस वाले का काम कहीं से भी अच्छा नहीं है और यह पहली घटना नहीं है दिल्ली दंगों के समय की एक घटना है सात पुलिस वालों ने पांच लोगों को पीटा इसका वीडियो वायरल हो गया इनसे बुलवाया जा रहा था कि वे राष्ट्र गान गाएं इतना मारा गया कि इनमें से एक लड़का मर गया उसका नाम फैजान था घटना के 1 साल बाद भी पता नहीं चल सका कि कौन आरोपी था 7 मार्च को ही हाई कोर्ट ने कहा है कि हम अनंत काल तक उस फॉरेंसिक
(11:48) रिपोर्ट का इंतजार नहीं कर सकते जिसमें आरोपी पुलिस वाले की पहचान की जानी है 10 महीने से एक वीडियो की जांच चल रही है सच्चाई यही है है कि नफरत का कारोबार अंतहीन होता जा रहा है दिल्ली पुलिस को अपने पतन की इस प्रक्रिया की पहचान कर लेनी चाहिए दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान अदालतों ने उसे जो फटकार लगाई है एक बार फिर से सभी फटकार को सुनने की जरूरत है इंद्रलोक का वीडियो आहत करने वाला है मगर शर्मिंदा उन्हें होना चाहिए जिन्होंने ऐसा काम किया जिनकी राजनीति ने देश को इस मोड़ पर पहुंचा दिया है आज चौकी इंचार्ज ने दिल्ली पुलिस को इस
कदर शर्मिंदा किया कि घटना के वीडियो आने के काफी देर तक चौकी इंचार्ज का नाम सामने नहीं आया कोई लिख नहीं रहा था दिल्ली पुलिस की अपनी पहचान रही है इस चौकी इंचार्ज ने दिल्ली पुलिस की साख दांव पर लगा दी नमस्कार मैं रवीश कुमार